भाई वीरेंद्र बोले- मेरे खिलाफ हो रही साजिश, सरकार से सवाल पूछने की मिल रही सज़ा
पंचायत सचिव संदीप कुमार के साथ हुए विवाद को लेकर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने बड़ा बयान दिया है। मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ सुनियोजित साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान उन्होंने एसआईआर (Special Intensive Revision) और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा था, जिसका बदला अब उनसे लिया जा रहा है।
"विधानसभा में सवाल उठाना पड़ा भारी"
भाई वीरेंद्र ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का काम सवाल पूछना होता है और उन्होंने विधानसभा में वही किया। “मैंने मॉनसून सत्र में जनता से जुड़े गंभीर मुद्दे उठाए थे—एसआईआर की गड़बड़ियों से लेकर बिगड़ती कानून-व्यवस्था तक। अब उसी का खामियाजा मुझ पर झूठे आरोप लगाकर और मेरी छवि धूमिल करके चुकाया जा रहा है,” उन्होंने कहा।
"चुनावी वर्ष में हो रही राजनीतिक बदले की कार्रवाई"
राजद विधायक ने दावा किया कि चुनावी साल में उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ताकि राजनीतिक रूप से कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा, "पंचायत सचिव से जुड़े विवाद को जानबूझकर तूल दिया गया। जबकि सच्चाई कुछ और है। यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।"
"न्याय की उम्मीद है, डरने वाला नहीं हूं"
भाई वीरेंद्र ने कहा कि वह न्याय की प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं और किसी भी जांच से नहीं डरते। उन्होंने कहा, "मेरे खिलाफ अगर कोई आरोप हैं तो निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। लेकिन यह भी देखा जाए कि किसने, किस मकसद से यह विवाद खड़ा किया।"
तेज प्रताप यादव भी कर चुके हैं कार्रवाई की मांग
इस पूरे मामले में आरजेडी के वरिष्ठ नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी पहले ही अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा था कि जैसे उनके खिलाफ कार्रवाई की गई, वैसे ही भाई वीरेंद्र के खिलाफ भी निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए।
पार्टी में बढ़ती हलचल
भाई वीरेंद्र के बयान और तेज प्रताप यादव की पोस्ट के बाद राजद के अंदर इस मुद्दे को लेकर हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व इस मामले में जल्द बैठक कर स्थिति स्पष्ट करेगा।
क्या है पूरा विवाद
पंचायत सचिव संदीप कुमार ने कुछ दिन पहले एक शिकायत में आरोप लगाया था कि विधायक भाई वीरेंद्र द्वारा उनसे दुर्व्यवहार किया गया। मामले ने तब और तूल पकड़ा जब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई और आरजेडी के भीतर भी मतभेद उभरने लगे।
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है—क्या सच्चाई सामने आएगी या यह विवाद चुनावी रणनीति का एक और हिस्सा बनकर रह जाएगा।

