बिहार में बढ़ते अपराध पर गरमाई सियासत, बीजेपी नेता रामेश्वर चौरसिया ने की 'योगी मॉडल' लागू करने की मांग, जेडीयू ने किया पलटवार
बिहार में अपराध के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर जहां आम जनता में चिंता है, वहीं अब इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामेश्वर चौरसिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश के "योगी मॉडल" को बिहार में लागू करने की मांग कर दी है।
'योगी मॉडल' को बताया कारगर
रामेश्वर चौरसिया ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा,
"बिहार में जिस तरह से हत्या, लूट, बलात्कार, फिरौती, अपहरण और गोलीबारी की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे स्पष्ट है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब शासन नहीं संभाल पा रहे हैं। बिहार में अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ‘योगी मॉडल’ लागू करने की ज़रूरत है, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो सके।"
उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए कठोर कार्रवाई की, जिससे वहां कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है।
जेडीयू ने किया पलटवार
बीजेपी नेता के इस बयान पर जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक अनुकरणीय मॉडल है। उन्होंने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाओं के आधार पर पूरे राज्य की छवि को खराब करना राजनीतिक दुर्भावना है।
"नीतीश कुमार ने बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगाई है। बिहार का कानून-व्यवस्था मॉडल पूरे देश में प्रशंसा पा चुका है। 'योगी मॉडल' की बात करने वाले पहले अपने प्रदेश की हालात देखें।"
आंकड़े और घटनाएं बना रही हैं बहस की जमीन
बिहार में बीते कुछ हफ्तों में हत्या, चोरी, अपहरण और दुष्कर्म के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। राजधानी पटना से लेकर जिलों तक में एक के बाद एक अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं। विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है और जनता की सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है।
बीजेपी का कहना है कि जब तक अपराधियों को खुलेआम संरक्षण मिलेगा, तब तक राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।
चुनावी समीकरणों पर असर
राज्य में 2025 के विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, ऐसे में कानून-व्यवस्था का मुद्दा राजनीतिक हथियार बन गया है। बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बना रही है, जबकि जेडीयू और राजद गठबंधन इसे विपक्ष की राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।

