
बिहार के मखाना किसानों के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है। बिहार का प्रसिद्ध मखाना अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। मखाना को एचएस (हॉर्मोनाइज्ड सिस्टम) कोड मिल गया है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक विशेष दर्जा प्रदान करेगा। इस सफलता के बाद, मखाना अब न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी विशेष पहचान बना सकेगा।
एचएस कोड से क्या होगा फायदा?
एचएस कोड एक अंतरराष्ट्रीय मानक है, जिसे व्यापार में इस्तेमाल होने वाले माल की पहचान करने के लिए अपनाया जाता है। यह कोड विश्वभर में व्यापार के आदान-प्रदान को सरल और पारदर्शी बनाता है। अब मखाना को यह कोड मिलने से इसका निर्यात वैश्विक बाजार में और भी आसान हो जाएगा। इससे न केवल मखाना का व्यापार बढ़ेगा, बल्कि बिहार के मखाना किसानों और प्रोसेसिंग यूनिट्स को भी अधिक लाभ होगा।
वर्षों के संघर्ष का फल
यह सफलता वर्षों के अथक प्रयासों का परिणाम है। बिहार के किसानों और मखाना कारोबारियों ने लंबे समय तक इस पर काम किया और आखिरकार उनका संघर्ष रंग लाया। बिहार सरकार और कृषि मंत्रालय की संयुक्त कोशिशों से यह मखाना को वैश्विक पहचान मिल पाई है। अब मखाना के व्यापारियों को दुनिया भर में मखाना का निर्यात करने के लिए एक मानक कोड मिलेगा, जिससे व्यापार में पारदर्शिता और सुविधा आएगी।
मिथिलांचल के मखाना क्षेत्र में बदलाव
मखाना की यह सफलता बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिले मखाना उत्पादन के प्रमुख केंद्र रहे हैं। इन जिलों में मखाना उत्पादन से हजारों किसानों का जीवनयापन जुड़ा हुआ है। मखाना की वैश्विक पहचान से इन किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनका आर्थिक स्तर सुधरेगा।
ग्लोबल बाजार में मखाना की बढ़ती मांग
मखाना, जिसे भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में एक प्रमुख खाद्य सामग्री के रूप में माना जाता है, अब न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बनाने की ओर अग्रसर है। इसके पोषण से भरपूर गुणों के कारण मखाना की मांग विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है। मखाना का उपयोग न केवल स्नैक्स के रूप में, बल्कि विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों में भी किया जाता है।
किसानों और प्रोसेसिंग यूनिट्स को मिलेगा बड़ा लाभ
मखाना को एचएस कोड मिलने से किसानों के अलावा, मखाना प्रोसेसिंग यूनिट्स और व्यापारियों को भी भारी लाभ होगा। अब इन उत्पादों का निर्यात आसानी से किया जा सकेगा, जिससे कारोबार में वृद्धि होगी और निर्यात के नए रास्ते खुलेंगे। इसके अलावा, मखाना के उत्पादन और व्यापार से जुड़ी रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।