बाल मजदूरी और तस्करी के खिलाफ मुहिम में बिहार की बड़ी सफलता, 3,974 बच्चों को कराया गया मुक्त

बाल अधिकारों की रक्षा के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय अभियान में बिहार ने वर्ष 2024-25 के दौरान उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। बाल मजदूरी और बाल तस्करी के खिलाफ जारी इस मुहिम में बिहार ने देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस दौरान राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 3,974 बच्चों को बाल मजदूरी के चंगुल से मुक्त कराया गया। यह जानकारी ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC)’ द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में सामने आई है।
बाल अधिकारों को लेकर बिहार में गंभीर प्रयास
JRC की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि बिहार में सरकारी एजेंसियों, चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों, बाल संरक्षण इकाइयों, और एनजीओ के सहयोग से बड़े स्तर पर छापेमारी और पुनर्वास का अभियान चलाया गया। यह कार्य मुख्य रूप से मानव तस्करी, ईंट-भट्ठों, घरेलू कामकाज, होटल और कारखानों में बाल श्रमिकों की पहचान और उनकी रिहाई पर केंद्रित रहा।
राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान
रिपोर्ट के अनुसार बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चों की संख्या के आधार पर बिहार ने राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश रहा। बाल अधिकार संगठनों का मानना है कि बिहार की यह उपलब्धि राज्य सरकार की नीति, प्रशासनिक तत्परता और जमीनी स्तर पर काम कर रहे संगठनों की समर्पण भावना का परिणाम है।
पुनर्वास योजनाओं पर दिया गया विशेष जोर
बच्चों को मुक्त कराने के साथ-साथ उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक पुनर्वास से जोड़ने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए गए। मुक्त कराए गए बच्चों को बचपन बचाओ योजना, बाल गृह, सरकारी स्कूलों और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों से जोड़ा गया है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि संबंधित परिवारों को आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिले, जिससे बच्चों को दोबारा मजदूरी की ओर धकेला न जा सके।
विशेषज्ञों और संगठनों की राय
JRC के वरिष्ठ शोधकर्ता का कहना है कि “बिहार जैसे सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे राज्य में यह आंकड़ा बताता है कि यदि प्रशासन और समुदाय मिलकर काम करें तो बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है।”
वहीं, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह स्थायी निगरानी तंत्र, स्कूल ड्रॉपआउट ट्रैकिंग और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियानों को और अधिक सशक्त करे।
मुख्य तथ्य एक नजर में:
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बिहार में वर्ष 2024-25 में 3,974 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया
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राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान, पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश
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JRC रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े
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पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष जोर
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सरकारी और गैर-सरकारी सहयोग से चला अभियान