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बिहार के कैमूर पहाड़ियों का गांव: 53 साल से कोई शादी नहीं, पुरुष कुंवारे और लड़कियों की कमी

बिहार के कैमूर पहाड़ियों का गांव: 53 साल से कोई शादी नहीं, पुरुष कुंवारे और लड़कियों की कमी

बिहार के कैमूर पहाड़ियों में स्थित एक दूरदराज़ गांव में 53 वर्षों से कोई शादी नहीं हुई है। यह गांव अपने भौगोलिक कठिनाइयों और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण चर्चा में आया है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव यहां की लड़कियों को शादी करने से रोकता है, जिससे पुरुष लगातार कुंवारे बने हुए हैं।

गांव में लगभग 200 परिवार रहते हैं, जिनमें से 115 पुरुष अब भी कुंवारे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लड़कियों की शादी के लिए परिवार किसी अन्य गांव या शहर की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। हालांकि ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अगर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तो स्थिति में सुधार हो सकता है।

स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि गांव की यह समस्या सालों से लगातार बनी हुई है। पिछली पीढ़ियों में भी लड़कियों की कमी और सुविधाओं की कमी के कारण शादी करना मुश्किल रहा। नतीजतन, नए परिवार नहीं बन रहे और पुरुषों की संख्या कुंवारे बढ़ती जा रही है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि इस गांव की स्थिति ग्रामीण विकास और बुनियादी सुविधाओं के अभाव का उदाहरण है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि यहां सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोग गांव में रहकर अपना जीवनयापन कर सकें और सामाजिक संरचना बनती रहे।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में सामाजिक और आर्थिक विकास का अभाव सीधे तौर पर विवाह दर को प्रभावित करता है। यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सही कदम उठाए, तो यह गांव विकास और सामाजिक स्थिरता की दिशा में एक मॉडल बन सकता है।

इस गांव की समस्या यह दर्शाती है कि ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव न केवल जीवनस्तर प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक परंपराओं पर भी गहरा असर डालता है।

ग्रामीणों की अपील है कि प्रशासन जल्दी से जल्दी कदम उठाए ताकि इस गांव में नई पीढ़ी के लिए बेहतर जीवन और विवाह जैसी सामाजिक प्रक्रिया को पुनर्जीवित किया जा सके।

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