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नदियों के जल बंटवारे पर बनी सहमति, बिहार को मिलेगा लाभ: जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी

नदियों के जल बंटवारे पर बनी सहमति, बिहार को मिलेगा लाभ: जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को एक अहम जानकारी साझा करते हुए बताया कि गुरुवार को रांची में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में नदियों के जल बंटवारे को लेकर तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जिसमें झारखंड, बिहार और अन्य संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री शामिल हुए।

मंत्री चौधरी ने बताया कि इन फैसलों से वर्षों से लंबित जल परियोजनाओं को नई गति मिलेगी, जिससे राज्य में जल प्रबंधन को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह सहमति न केवल राज्यों के आपसी सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि खेती, सिंचाई और पेयजल योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में भी सहायक होगी।

तीन महत्वपूर्ण फैसले:
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि बैठक में जिन तीन अहम निर्णयों पर सहमति बनी है, उनमें शामिल हैं:

  1. साझा नदियों के जल उपयोग पर स्पष्ट दिशा-निर्देश:
    बिहार और झारखंड के बीच बहने वाली नदियों के जल बंटवारे को लेकर पूर्व में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए साझा सिद्धांतों पर सहमति बनी है। इसके तहत दोनों राज्य एक निर्धारित अनुपात में जल का उपयोग कर सकेंगे।

  2. लंबित परियोजनाओं को समयबद्ध मंजूरी:
    बिहार में कई सिंचाई और जल संचयन परियोजनाएं केंद्र और झारखंड के सहयोग के अभाव में वर्षों से लंबित थीं। बैठक में इन्हें प्राथमिकता देने और समयबद्ध रूप से मंजूरी प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

  3. संयुक्त जल प्रबंधन तंत्र का गठन:
    दोनों राज्यों के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी, जो जल विवादों को त्वरित और पारदर्शी तरीके से सुलझाने का कार्य करेगी। इससे भविष्य में टकराव की संभावना कम होगी और सहयोग की भावना मजबूत होगी।

बिहार को होगा लाभ
विजय कुमार चौधरी ने बताया कि इन फैसलों के लागू होने से बिहार के किसानों को अधिक सिंचाई सुविधा मिलेगी, विशेषकर सीमावर्ती जिलों में जो झारखंड से लगते हैं। साथ ही, जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं को भी मजबूती मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक केंद्र और राज्यों के समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है और इससे अन्य संसाधनों के साझा प्रबंधन की राह भी खुलेगी।

विपक्ष की प्रतिक्रिया भी आई सामने
हालांकि, इन घोषणाओं के बाद विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे कि क्या इन फैसलों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए ठोस कार्य योजना भी तैयार की गई है? राजद नेताओं ने कहा कि बिहार को पहले भी कई बार वादे मिले हैं, लेकिन उनका लाभ जनता तक नहीं पहुंच पाया।

जनता की उम्मीदें बढ़ीं
फिलहाल, इन निर्णयों से जल संसाधन विभाग और किसानों के बीच सकारात्मक ऊर्जा देखी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि लंबे समय से ठप पड़ी परियोजनाओं को अब नया जीवन मिलेगा और राज्य जल आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ेगा।

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