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बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर घमासान, जेडीयू ने अपने ही सांसद को थमाया कारण बताओ नोटिस

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर घमासान, जेडीयू ने अपने ही सांसद को थमाया कारण बताओ नोटिस

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर सियासी घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। विपक्ष पहले से ही इस प्रक्रिया को लेकर संदेह और विरोध जता रहा है, लेकिन अब सत्तारूढ़ जदयू के अंदर भी इस मुद्दे पर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।

ताजा मामला जदयू सांसद गिरिधारी यादव से जुड़ा है। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, जिस पर पार्टी ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया है।

पार्टी अनुशासन के खिलाफ बयान

सूत्रों के मुताबिक, गिरिधारी यादव ने एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता और समय को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने आशंका जताई थी कि इस प्रक्रिया में भेदभाव और गड़बड़ी की गुंजाइश है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर सकती है। उनके बयान को पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया और इसे पार्टी लाइन के खिलाफ माना।

अफाक अहमद खान ने भेजा नोटिस

इस मामले में जदयू की ओर से राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान ने गिरिधारी यादव को गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को नोटिस जारी किया। नोटिस में उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि उन्होंने पार्टी मंच की बजाय सार्वजनिक रूप से बयान क्यों दिया और यह भी पूछा गया है कि उन्होंने पार्टी की सामूहिक नीति पर सवाल उठाकर अनुशासनहीनता क्यों की।

पार्टी के अंदर बढ़ती असहमति

गिरिधारी यादव अकेले नेता नहीं हैं जो इस मुद्दे पर असहज दिखे हैं। जदयू के कुछ अन्य विधायक और नेता भी आंतरिक बैठकों में SIR को लेकर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने सार्वजनिक रूप से कोई और नाम नहीं लिया है, लेकिन अंदरखाने यह माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर पार्टी में मतभेद गहराते जा रहे हैं।

विपक्ष का हमला और तेज

इस पूरे घटनाक्रम से उत्साहित राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने जदयू और भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि SIR के जरिए सत्ता पक्ष मतदाता सूची में गड़बड़ी कराना चाहता है, ताकि चुनाव में फायदा उठाया जा सके।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जब खुद सत्ताधारी दल के सांसद ही प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, तो यह साफ है कि सरकार कुछ छुपा रही है। उन्होंने मांग की कि एसआईआर पर रोक लगाई जाए और चुनाव आयोग स्वतंत्र जांच कराए।

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