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बिहार में सड़क नेटवर्क सुधार की बड़ी पहल, 38 स्टेट हाईवे होंगे नेशनल हाईवे

बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है, क्योंकि अब बिजली कंपनियां कनेक्शन देने में मनमानी नहीं कर पाएंगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने वितरण कंपनियों के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है, जिसके अनुसार महानगरों में तीन दिन, नगर निगम क्षेत्र में 7 दिन और ग्रामीण इलाकों में अधिकतम 15 दिनों के भीतर बिजली कनेक्शन देना अनिवार्य होगा।

बिहार में सड़क संपर्क को बेहतर और आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य के 38 स्टेट हाईवे, जिनकी कुल लंबाई लगभग 2515 किलोमीटर है, को नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्ग) में परिवर्तित किया जाएगा। इस पहल का मकसद न सिर्फ सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, बल्कि राज्य के क्षेत्रीय विकास को भी गति देना है।

32 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ

इस परियोजना से राज्य के 32 जिलों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और बिहार के पथ निर्माण विभाग ने इस काम को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है, ताकि जल्द ही कार्य शुरू हो सके।

पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि इन सभी सड़कों को चार लेन में विकसित किया जाएगा। इससे यात्रा के दौरान वाहन गति बढ़ेगी और यात्रियों का समय भी काफी बचाएगा। इसके साथ ही यह कदम बिहार के औद्योगिक, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों के विकास में भी सहायक होगा।

यातायात और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

बेहतर सड़क संपर्क से परिवहन प्रणाली में सुधार होगा, जिससे माल ढुलाई में आसानी होगी। किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध होंगे और औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, इस पहल से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

वर्तमान में कई स्टेट हाईवे अपनी खराब स्थिति और संकीर्ण चौड़ाई के कारण यातायात में बाधा बन रहे हैं, जिससे समय और संसाधनों की भारी हानि हो रही है। नेशनल हाईवे बनने के बाद इन सड़कों की गुणवत्ता, सुरक्षा मानक और रखरखाव में महत्वपूर्ण सुधार होगा।

बिहार के लिए रणनीतिक महत्व

राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना बिहार को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कृषि प्रधान राज्य बिहार के लिए मजबूत सड़क संपर्क अत्यंत आवश्यक है। योजना के तहत सीमांचल, कोसी, मगध, मिथिलांचल और भोजपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।

केंद्र से सहयोग की उम्मीद

यह योजना केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से आगे बढ़ेगी। केंद्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहायता की उम्मीद है। पथ निर्माण विभाग ने कई प्रस्ताव केंद्र को प्रस्तुत किए हैं, जिनकी स्वीकृति जल्द मिलने की संभावना है।

जनता को मिलेगा सीधा लाभ

परियोजना के क्रियान्वयन के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा से जुड़ने का बेहतर अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के क्षेत्र में सुधार होगा। साथ ही, बेहतर सड़क नेटवर्क से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की भी उम्मीद है।

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