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Bihar Politics: बिहार में एक और गठबंधन की सुगबुगाहट, पप्पू यादव बनेंगे 'नायक'! ये दो पार्टियां भी हो सकती हैं शामिल

अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी और रणनीति बनानी शुरू कर दी है। छोटे दल भी अपने सहयोगी की तलाश में हैं, जिनके सहारे उनकी चुनावी नैया पार हो.....
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सात महीने के बाद मंगलवार शाम को मीडिया से मुखातिब हुए। ठीक उसी तरह, जब दुनिया में कोविड का प्रकोप था।  विजयन ने मंगलवार को पिछले हफ्ते कोझिकोड में सामने आए निपाह वायरस के प्रकोप के बारे में विस्तार से बात की।   उन्‍होंने कहा, "भले ही अधिकारी निपाह के प्रसार को रोकने में सक्षम हैं, लेकिन चीजें पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई हैं। अभी कुछ और समय के लिए सावधानी बरतनी होगी और स्वास्थ्य पेशेवरों जैसे क्षेत्र में रिपोर्टिंग के लिए जाने वाले मीडिया कर्मियों को सावधान रहना होगा।"   विजयन ने कहा, "दूसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन अब तक सब कुछ नियंत्रण में है। चमगादड़ों के 39 नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे और रिपोर्टें नकारात्मक आई हैं। 2018 में पहली बार कोझिकोड में निपाह का मामला सामने आया था, फिर 2019 में एर्नाकुलम में और फिर 2021 में कोझिकोड में इसका प्रकोप देखा गया। कोझिकोड में निपाह ज्‍यादा क्‍यों फैलता है, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है, जबकि आईसीएमआर अभी भी इस पर काम कर रहा है।''   उन्होंने कहा कि इस बार 1,286 संदिग्ध मामले थे और छह पॉजिटिव मामले सामने आए।  उन्‍होंने कहा, "कुल संदिग्धों में से 276 उच्च जोखिम श्रेणी में थे, जिनमें से 122 छह पॉजिटिव मामलों के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार थे। संदिग्धों में 118 स्वास्थ्य पेशेवर भी शामिल थे। इस समय 994 लोग निगरानी में हैं। कुल मिलाकर, 304 नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 267 परिणाम आए हैं और छह सकारात्मक थे। फिलहाल नौ लोग कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आइसोलेशन में हैं।"

बिहार न्यूज डेस्क !! अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी और रणनीति बनानी शुरू कर दी है। छोटे दल भी अपने सहयोगी की तलाश में हैं, जिनके सहारे उनकी चुनावी नैया पार हो सके।बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को देखें तो सत्ता पक्ष की ओर छह दल हैं, जबकि विपक्ष में भाजपा के साथ चार अन्य पार्टियां हैं। प्रदेश में अभी भी कई ऐसी पार्टियां हैं, जो दोनों गठबंधनों में से किसी में स्थान नहीं प्राप्त कर सकी है। इस स्थिति में एक और गठबंधन की सुगबुगाहट शुरू है। इस गठबंधन में पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी, ओवैसी की एआईएमआईएम और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हो सकती है। इसमें बसपा के भी शामिल होने के कयास हैं। लेकिन, उसने फिलहाल अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की है।

पप्पू यादव की पार्टी जाप के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह कहते हैं कि 'इंडिया' का उद्देश्य भाजपा को रोकना है। हमारी वैचारिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक विचारधारा इंडिया गठबंधन के काफी करीब है। ऐसे में हम इंडिया गठबंधन के साथ जाना चाहते हैं। न्होंने यह भी कहा कि हम इंडिया गठबंधन का इंतजार कर रहे हैं। जब कोई जवाब आयेगा, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। छोटी पार्टियों के नेता भी हमारे संपर्क में हैं। एआईएमआईएम, बसपा, वीआईपी के नेताओं से हमारी बात हो रही है। हम लोग अभी महागठबंधन के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। 

वीआईपी के मुकेश सहनी भी अभी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा में निकले हैं। इस यात्रा के दौरान मुकेश सहनी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। हालांकि, सहनी ने दोनों गठबंधनों से दूरी रखी है। एआईएमआईएम भी अभी तक किसी गठबंधन के साथ नहीं है। अब ऐसे में किसी भी गठबंधन में जगह नहीं पाने वाले ये सियासी दल अपना अलग गठबंधन तैयार करने की जुगत में लग गए हैं। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान कहते हैं कि आज जो लोग केंद्र की सत्ता में बैठे हैं, उन्हें हटाना हमलोगों की प्राथमिकता है। भाजपा को हराने के लिए सभी को एक होने की जरूरत है, लेकिन जो गठबंधन बनाया जा रहा है, उसमे भी कई दलों को नजर अंदाज किया जा रहा है। ऐसे में लड़ाई नहीं जीती जा सकती है।

ऐसी स्थिति में माना जाता है कि अगर ये छोटे दल गठबंधन कर चुनाव में उतर जाए तो इसका सबसे बड़ा लाभ एनडीए को होना तय माना जा रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दोनों गठबंधन वेट एंड वाच की स्थिति में हैं।  वीआईपी के मुकेश सहनी भी अभी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा में निकले हैं. इस यात्रा के दौरान मुकेश सहनी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं. हालांकि, सहनी ने दोनों गठबंधनों से दूरी रखी है. एआईएमआईएम भी अभी तक किसी गठबंधन के साथ नहीं है. अब ऐसे में किसी भी गठबंधन में जगह नहीं पाने वाले ये सियासी दल अपना अलग गठबंधन तैयार करने की जुगत में लग गए हैं. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान कहते हैं कि आज जो लोग केंद्र की सत्ता में बैठे हैं, उन्हें हटाना हमलोगों की प्राथमिकता है. बीजेपी को हराने के लिए सभी को एक होने की जरूरत है, लेकिन जो गठबंधन बनाया जा रहा है, उसमे भी कई दलों को नजर अंदाज किया जा रहा है. ऐसे में लड़ाई नहीं जीती जा सकती है. ऐसी स्थिति में माना जाता है कि अगर ये छोटे दल गठबंधन कर चुनाव में उतर जाए तो इसका सबसे बड़ा लाभ एनडीए को होना तय माना जा रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि दोनों गठबंधन वेट एंड वाच की स्थिति में हैं.

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