बिहार में साइबर क्राइम और ड्रग्स माफिया पर कसेगा शिकंजा, पुलिस ने दो नई यूनिट्स का किया गठन

बिहार में अब साइबर अपराध और नशीली दवाओं की तस्करी पर लगाम कसने के लिए बिहार पुलिस ने व्यापक रणनीति तैयार की है। इस दिशा में पुलिस महकमे ने दो अलग-अलग विशेष यूनिट्स का गठन कर लिया है। ये यूनिट्स जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के बाद पूरी तरह से सक्रिय हो जाएंगी।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, राज्य में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों और ड्रग्स नेटवर्क को देखते हुए यह कदम बेहद जरूरी था। नई यूनिट्स के गठन के बाद अपराध पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है।
गठित की गई दो विशेष यूनिटें:
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साइबर क्राइम सह साइबर सुरक्षा यूनिट (Cyber Crime & Cyber Security Unit):
यह यूनिट राज्यभर में हो रहे ऑनलाइन ठगी, बैंकिंग फ्रॉड, फिशिंग, फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल, हैकिंग जैसी घटनाओं की निगरानी और जांच करेगी। साथ ही, डिजिटल साक्ष्य संकलन और साइबर हमलों की रोकथाम की दिशा में भी यह यूनिट काम करेगी। इस यूनिट को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों से लैस किया जाएगा। -
स्टेट एंटी नारकोटिक सह मद्य निषेध यूनिट (State Anti-Narcotics & Prohibition Unit):
यह यूनिट विशेष रूप से ड्रग्स तस्करी, नशीली दवाओं के अवैध कारोबार और शराबबंदी कानून के उल्लंघन पर निगरानी रखेगी। यूनिट की टीमें पूरे राज्य में खुफिया सूचना आधारित छापेमारी और तस्करी नेटवर्क के विरुद्ध विशेष अभियान चलाएंगी।
जल्द मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी
पुलिस मुख्यालय ने इन दोनों यूनिट्स के गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही राज्य मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसके बाद यह दोनों यूनिटें औपचारिक रूप से कामकाज शुरू कर देंगी। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, संविधानिक स्वीकृति मिलते ही भर्ती, प्रशिक्षण और इक्विपमेंट वितरण का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
क्यों पड़ी ज़रूरत?
बिहार में हाल के वर्षों में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासकर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में ऑनलाइन ठगी के शिकार लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, ड्रग्स तस्करी और शराब की अवैध आपूर्ति की खबरें भी लगातार सामने आती रही हैं। ऐसे में एक स्पेशलाइज्ड यूनिट का होना अब जरूरी बन गया था।