
बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के कक्ष में लगे कंप्यूटर से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। विधान परिषद के एक कर्मचारी पर कंप्यूटर से डाटा और फाइल डिलीट करने का आरोप है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
साइबर अटैक या मैलवेयर का मामला नहीं
ईओयू के मुताबिक, सभापति की अनुमति से साइबर सेल की एक टीम विधान परिषद गई है और कंप्यूटर की जांच की है। जांच के दौरान साइबर अटैक या मैलवेयर का मामला सामने नहीं आया है। कंप्यूटर से कुछ फाइल डिलीट करने का मामला सामने आया है।
एक कर्मी पर संदेह
विधान परिषद कार्यालय से जानकारी मिली है कि कुछ दिन पहले एक कर्मी को परिषद से निष्कासित किया गया था, जो एक नेता का रिश्तेदार भी है। प्रारंभिक जांच में संदेह है कि उसने कंप्यूटर से छेड़छाड़ कर फाइल डिलीट की है। ईओयू इस मामले की भी जांच कर रही है।
ईओयू डीआईजी साइबर के नेतृत्व में जांच ईओयू डीआईजी साइबर के नेतृत्व में इस पूरे मामले की जांच चल रही है। फिलहाल ईओयू की टीम चेयरमैन के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क अपने साथ ले गई है, जिसकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। ईओयू अधिकारियों के मुताबिक तकनीकी मदद से हार्ड डिस्क से डिलीट की गई फाइलों और डाटा को रिकवर करने का भी प्रयास किया जाएगा। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। कुछ डाटा और फाइलें डिलीट की गईं ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि विधान परिषद के चेयरमैन के कंप्यूटर से छेड़छाड़ की शिकायत पर साइबर सेल की टीम जांच करने गई थी। शुरुआती जांच में कुछ डाटा और फाइलें डिलीट किए जाने की बात सामने आई है। इसकी जांच की जा रही है। अगर किसी साजिश के तहत ऐसा किया गया तो दोषी की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।