बिहार खुले में शौच मुक्त राज्य, सरकारी प्रयास से 10 साल में 1.46 करोड़ शौचालय तैयार
बिहार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण और स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत 2014 से अब तक पिछले 10 वर्षों में राज्य भर में 1 करोड़ 46 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग का यह अभियान पूरे राज्य में सफल रहा है। इस अभियान में सभी श्रेणियों के परिवारों को 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया।
इसके साथ ही लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत अब तक 9 हजार 824 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया जा चुका है। वहीं, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 (2021-22 से 2025-26) के तहत 24.70 लाख शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। इस प्रकार पिछले 10 वर्षों में 1 करोड़ 46 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।
8 लाख और शौचालय बनाए जाएंगे
बिहार को पूर्णतः स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार केन्द्र प्रायोजित स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं राज्य पोषित लोहिया स्वच्छता योजना को एकीकृत कर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान चला रही है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरे चरण के तहत राज्य सरकार ने अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब 8 लाख नए परिवारों या किसी कारणवश छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
ग्रामीण कचरा प्रबंधन के लिए घर-घर से कचरा संग्रहण के लिए 1 लाख से अधिक रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही, आवश्यकतानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों/क्लस्टर शौचालयों का भी निर्माण किया जाएगा, ताकि भूमिहीन परिवारों, चलित जनसंख्या तथा अस्थायी जनसंख्या को शौचालय उपलब्ध कराया जा सके।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का प्रभाव
इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से बिहार न केवल खुले में शौच से मुक्त हो गया है, बल्कि ग्रामीण परिवारों को स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा भी प्राप्त हुई है। बिहार सरकार की यह पहल राज्य को स्वच्छता के नए आयामों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है तथा आने वाले वर्षों में इसे और मजबूत किया जाएगा।