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सड़क हादसे में घायलों को मिलेगा 1.5 लाख तक कैशलैस इलाज, बिहार सरकार लागू करेगी ये स्कीम

सड़क हादसे में घायलों को मिलेगा 1.5 लाख तक कैशलैस इलाज, बिहार सरकार लागू करेगी ये स्कीम

बिहार में सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों को अब अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिल सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना 2025 को अधिसूचित कर दिया गया है, जिसके तहत नामित अस्पतालों में सात दिनों तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। बिहार में इस योजना को लागू करने के लिए परिवहन विभाग के स्तर पर काम चल रहा है। घायलों को 1 लाख 50 हजार रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना के बाद अधिकतम सात दिनों तक किसी भी नामित अस्पताल में कैशलेस इलाज मिलेगा। इसके लिए सरकार ने पीड़ित को 1.5 लाख रुपये (प्रति व्यक्ति) तक के इलाज का खर्च वहन करने की पहल की है। इसके लिए कई अस्पतालों को नामित किया जाएगा, ताकि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए भटकना न पड़े और समय रहते उनकी जान बचाई जा सके। त्वरित उपचार से बच सकती है जान

इस योजना के बारे में परिवहन सचिव संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी ने बताया कि सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने और उन्हें बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के लागू होने से सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को समय पर और उचित उपचार मिल सकेगा।

इस योजना में कौन से अस्पताल शामिल होंगे?

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का इलाज नामित अस्पतालों में किया जाएगा। यदि नामित अस्पताल में पीड़ित के इलाज के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं, तो ऐसे अस्पताल घायलों को तुरंत दूसरे अस्पतालों में रेफर कर सकेंगे। इसके लिए अस्पताल का यह कर्तव्य होगा कि वह घायलों को दूसरे बड़े अस्पतालों में ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराए। राज्य सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के तत्काल इलाज के लिए ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा उपलब्ध कराने में सक्षम सभी अस्पतालों को इस योजना में शामिल करने जा रही है। जिन अस्पतालों में दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज के लिए उचित सुविधा नहीं है, वहां पीड़ित का सिर्फ स्थिरीकरण के लिए इलाज किया जाएगा।

अस्पतालों के इलाज के बिल का भुगतान कैसे होगा

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण योजना में नामित अस्पतालों को शामिल करने और अस्पताल के बिलों का भुगतान करने के लिए एक पोर्टल तैयार कर रहा है। जिसमें घायलों के इलाज और अस्पताल के बिलों से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध होगी। घायल व्यक्ति के अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद नामित अस्पताल उसकी ओर से इलाज पैकेज का खर्च पोर्टल पर अपलोड करेगा। फिर राज्य स्वास्थ्य एजेंसी सभी दस्तावेजों के साथ भुगतान के लिए दावा प्रस्तुत करेगी। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा दावा राशि के सत्यापन के बाद अस्पतालों के इलाज खर्च का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

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