बिहार में पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों को शस्त्र लाइसेंस मिलेगा: नीतीश सरकार का बड़ा कदम

बिहार सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस देने का निर्णय लिया गया है। इस कदम से वार्ड पार्षद, मुखिया, पंच, सरपंच, जिला पार्षद जैसे जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा की दृष्टि से हथियार रखने की अनुमति मिलेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा और पंचायती राज विभाग की अनुशंसा के बाद यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत जनप्रतिनिधियों को शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने पर निर्धारित समय-सीमा के अंदर सुनवाई की जाएगी। इससे लगभग ढाई लाख जनप्रतिनिधियों को फायदा होने की उम्मीद है।
यह निर्णय बिहार के पंचायतों और ग्रामीण इलाकों में कार्यरत जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब पंचायत चुनावों के दौरान और स्थानीय मुद्दों को लेकर कई बार हिंसक घटनाएं होती रही हैं। नीतीश सरकार का यह कदम उनके सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे उन्हें अपनी जान-माल की सुरक्षा का भरोसा मिलेगा।
वहीं, इस फैसले के बाद विपक्षी दलों और आम जनता के बीच इस मुद्दे पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे संवेदनशील क्षेत्र में शस्त्रों के बढ़ते उपयोग को लेकर सवाल उठा रहे हैं।