बिहार में जल्द होगी विद्यालय सहायकों और अटेंडेंट की बहाली, सरकार ने जारी की गाइडलाइन
बिहार सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। 2025 में विद्यालय सहायकों (School Assistants) और विद्यालय अटेंडेंट्स (School Attendants) की बहाली को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा ऐलान किया है।
इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ के निर्देश पर बहाली की प्रक्रिया के लिए आवश्यक गाइडलाइन जारी कर दी गई है, जिससे भर्ती प्रक्रिया को लेकर लंबे समय से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों में उत्साह है।
📌 क्या है बहाली से जुड़ा फैसला?
बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य के सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में विद्यालय सहायकों और अटेंडेंट्स की भारी संख्या में नियुक्ति की जाएगी। इसका उद्देश्य स्कूलों के दैनिक संचालन को सुचारु बनाना और शिक्षकों पर अतिरिक्त गैर-शैक्षणिक कार्यभार को कम करना है।
गाइडलाइन के मुताबिक —
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विद्यालय सहायक पदों पर योग्यताधारी युवाओं की तैनाती की जाएगी जो स्कूल प्रबंधन, रिकॉर्ड-रखरखाव और शैक्षणिक गतिविधियों में सहायक की भूमिका निभाएंगे।
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वहीं, विद्यालय अटेंडेंट्स की नियुक्ति स्कूलों की सफाई, देखरेख और अन्य सहायक कार्यों के लिए की जाएगी।
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प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित होगी, जिसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की बात भी कही गई है।
📝 बहाली प्रक्रिया और पात्रता
अभी तक जारी गाइडलाइन के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा और आरक्षण नियमों का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। विस्तृत विज्ञापन जल्द शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
🎯 सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक प्रत्येक सरकारी विद्यालय में पर्याप्त सहायक स्टाफ की तैनाती हो, ताकि शिक्षकों को केवल शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिले और स्कूल प्रबंधन में सुधार हो।
ACS एस. सिद्धार्थ ने बताया कि यह कदम नई शिक्षा नीति और स्कूली व्यवस्था के ढांचे को मजबूत करने की दिशा में लिया गया है। इससे गांव-देहात के स्कूलों में भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और प्रभावी प्रबंधन संभव हो सकेगा।
⏳ जल्द जारी होगा भर्ती विज्ञापन
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भर्ती से संबंधित विस्तृत अधिसूचना (official advertisement) अगले कुछ हफ्तों में जारी की जाएगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और समाचार पत्रों पर नज़र बनाए रखें।

