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बिहार सरकार की नई पहल: अब नर्सरी तैयार करने में मिलेगी सरकारी मदद, किसानों की आय बढ़ाने पर जोर

बिहार सरकार की नई पहल: अब नर्सरी तैयार करने में मिलेगी सरकारी मदद, किसानों की आय बढ़ाने पर जोर

यदि आप खेती के साथ-साथ नर्सरी तैयार करने का सपना देख रहे हैं, तो अब यह सपना पूरा हो सकता है। बिहार सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और उन्नत पौध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना की शुरुआत की है। इसके तहत अब किसान उद्यान एवं बागवानी विभाग की मदद से छोटी नर्सरी की स्थापना कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत मिलेगा लाभ

यह योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Mission for Integrated Development of Horticulture - MIDH) के अंतर्गत संचालित की जा रही है। इसका मकसद है कि किसानों को उन्नत किस्म के फल, फूल, सब्जी और वृक्षों की पौध उपलब्ध कराई जा सके, साथ ही उनके रोजगार के साधनों में वृद्धि हो।

कितनी होगी सहायता?

उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार,

  • छोटी नर्सरी की स्थापना पर सरकार अनुदान देती है।

  • इसके लिए भूमि, सिंचाई की व्यवस्था, पौधों की देखभाल की योजना और स्थानीय जरूरतों के अनुसार पौधों का चयन आवश्यक होगा।

  • योजना के तहत किसानों को कुल लागत का एक बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

  • बिहार राज्य के स्थायी निवासी किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

  • भूमि का स्वामित्व, पौधशाला के संचालन की इच्छा और बागवानी गतिविधियों का अनुभव होना चाहिए।

  • इच्छुक किसान उद्यान विभाग के जिला कार्यालय या बिहार सरकार की आधिकारिक कृषि पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर

विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना पारंपरिक खेती से हटकर किसानों को स्थायी आमदनी देने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। नर्सरी के माध्यम से किसान न सिर्फ स्वस्थ और प्रमाणित पौध तैयार कर सकते हैं, बल्कि स्थानीय बाजार और सरकारी विभागों को भी पौध की आपूर्ति कर सकते हैं।

अधिकारियों का क्या कहना है?

उद्यान निदेशक के अनुसार:

"हमारा उद्देश्य है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण पौध तैयार हो और किसान आर्थिक रूप से मजबूत हों। नर्सरी योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी और बागवानी को बढ़ावा देगी।"

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