Bihar Election: नीतीश कुमार पर भरोसा या फिर प्लान-B, अमित शाह के बयान से NDA में कंफ्यूजन, दोहराया जाएगा महाराष्ट्र मॉडल

बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की रणनीति अभी साफ नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयानों ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इस पर सस्पेंस और गहरा कर दिया है। शाह ने दो अलग-अलग इंटरव्यू में अलग-अलग बातें कही हैं, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
हम अपनी मर्जी से फैसले लेते हैं- अमित शाह
एक हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'हर चुनाव में यह सवाल उठता है कि हम यह नहीं घोषित करते, वह नहीं घोषित करते। हम अपनी मर्जी से फैसले लेते हैं। इसमें कौन सी खबर है?' इस टिप्पणी ने यह जरूर संकेत दिया कि भाजपा फिलहाल मुख्यमंत्री के चेहरे पर कुछ भी तय करने के मूड में नहीं है।
वहीं, एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में शाह ने कहा कि 'समय बताएगा' कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इस बयान ने समर्थन और संदेह दोनों को जन्म दिया है।
केंद्र सरकार हमारी गोद में- जेडीयू
जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने गृह मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "याद रखिए, केंद्र सरकार हमारी गोद में चल रही है, बिहार ने बड़े-बड़े तानाशाहों की सत्ता उखाड़ फेंकी है, मेरी बिल्ली मुझे देखकर म्याऊं करती है, नीतीश एनडीए के सीएम फेस हैं और वे सीएम बनेंगे। 115-120 सीटें चाहिए।"
बीजेपी की रणनीति पर उठे सवाल, महाराष्ट्र मॉडल की चर्चा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी बिहार में महाराष्ट्र मॉडल अपना सकती है। जहां सीएम का चेहरा घोषित किए बिना चुनाव लड़े गए और जीतने के बाद बीजेपी ने अपना सीएम बना लिया।
आरजेडी ने कहा- बीजेपी नीतीश को हटाना चाहती है
इस मौके का फायदा उठाने में विपक्ष ने देर नहीं की। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'बीजेपी नीतीश जी को हटाना चाहती है। उनका स्वास्थ्य पहले जैसा नहीं है और बीजेपी इसका फायदा उठाना चाहती है।
मित्रों का समर्थन
एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने नीतीश के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। बीजेपी के दिलीप जायसवाल ने भी यही दोहराया। लेकिन शाह के "समय बताएगा" वाले बयान ने राजनीतिक बहस को नई गति दे दी है।