Bihar Election: इस बार बिहार विधानसभा चुनाव को रोचक बनाएंगे ये नए राजनीतिक दल, जानें किस पार्टी का क्या है आधार

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी थी। बिहार में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच होने वाला है। लेकिन इस बार बिहार चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि दो मुख्य गठबंधनों के अलावा कई राजनीतिक दल इन चुनावों में हिस्सा लेने वाले हैं। इनमें से कुछ दल बिल्कुल नए हैं। आइए जानते हैं कि इन बिहार विधानसभा चुनावों में कौन-कौन से नए दल मैदान में उतरने वाले हैं।
जन सुराज की शुरुआत
चुनावी रणनीति के क्षेत्र में प्रशांत किशोर एक बड़ा नाम हैं। कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ने के बाद कुछ साल पहले वे नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए थे। लेकिन जेडीयू से उनका रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चला। जेडीयू छोड़ने के बाद उन्होंने राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया। राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने से पहले पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा पदयात्रा शुरू की थी। इस दौरान वे बिहार के गांवों में पैदल यात्रा करते थे। पिछले साल उन्होंने जन सुराज नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया था। जन सुराज का चुनावी सफर पिछले साल बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव से शुरू हुआ था. इस चुनाव में वह कोई भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन दो सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया. इमामगंज सीट पर जन सुराज के उम्मीदवार को 37 हजार वोट मिले. इन सीटों पर आरजेडी की हार के लिए जन सुराज को जिम्मेदार ठहराया गया. इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव जन सुराज का पहला विधानसभा चुनाव होगा. यह पार्टी रोजगार और विकास के मुद्दे पर मैदान में है.
भारतीय इंकलाब पार्टी
इस बार भारतीय इंकलाब पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव मैदान में भी जोर आजमाइश करेगी. इसका गठन आईपी गुप्ता ने किया है. इंजीनियर आईपी गुप्ता पहले कांग्रेस में थे. उन्होंने इस साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़ दी थी. चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही आईपी गुप्ता ने अप्रैल में पटना के गांधी मैदान में एक मेगा रैली की थी. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. गुप्ता का आधार तांती और तत्वा जातियों में है. इन दिनों यह जाति अनुसूचित जाति में शामिल होने के लिए संघर्ष कर रही है। भारतीय इंकलाब पार्टी महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश कर रही है। सीटों को लेकर बातचीत चल रही है। इसके साथ ही वह असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से भी जुड़ रहे हैं।
जय हिंद सेना
शिवदीप वामनराव लांडे ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरने के बाद जय हिंद सेना नाम से अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई है। उन्होंने 2024 में आईपीएस की नौकरी छोड़ी है। महाराष्ट्र के रहने वाले लांडे ने घोषणा की है कि वह राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। लांडे का कहना है कि वह जाति या पिछड़ेपन की नहीं बल्कि विकास की राजनीति करेंगे।