Bihar Elections: कथावाचक मामले में बोले चिराग पासवान- किसी भी जाति के लोग कर सकते हैं कथा, जिन्हें भी हो धर्म का ज्ञान

लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और सांसद चिराग पासवान ने उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की है। एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी जाति का व्यक्ति, जिसे धर्म का ज्ञान हो, वह कथावाचक बन सकता है। उन्होंने कहा, 'इटावा में कथावाचक के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं होगा।'
चिराग ने कहा, 'धर्म में जाति, राजनीति में जाति, राजनीति में धर्म... ये सब ऐसे विषय हैं, जिन्हें आपस में नहीं मिलाना चाहिए। हर धर्म इस बात की आजादी देता है कि जिसे धर्म का ज्ञान है, वह उसका प्रचार कर सकता है। अगर कोई इसमें जाति देखता है, तो यह पूरी तरह से गलत है।'
चिराग पासवान ने कहा, 'धर्म एक ऐसा विषय है, जिस पर हर जानकार व्यक्ति अपनी राय रख सकता है। हर धर्म यह आजादी देता है।' उन्होंने कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार को पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने कहा, 'समाज में कुछ असामाजिक तत्व हैं, माहौल खराब करने वालों का विरोध करना जरूरी है।'
'संविधान सर्वोच्च है, इससे ऊपर कुछ नहीं'
मनुस्मृति से जुड़े एक सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि संविधान सर्वोच्च है. उन्होंने कहा, 'मनुस्मृति कभी भी संविधान के बराबर नहीं हो सकती. संविधान हर चीज से ऊपर है, इससे ऊपर कुछ नहीं है. यह देश, यह लोकतंत्र संविधान से चलता है. किसी और किताब या दस्तावेज से नहीं.' उन्होंने कहा, 'भारत का संविधान आजादी देता है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह देश संविधान से चलेगा, यह हर चीज से ऊपर है.'
'मैं बिहार जरूर जाना चाहता हूं'
चिराग ने कहा कि भाजपा ने कई बार मंत्रियों को चुनाव में उतारने की कोशिश की और उन्हें इसका फायदा भी मिला. उन्होंने कहा, 'मैं भी बिहार जरूर जाना चाहता हूं. मेरे चुनाव लड़ने से कौन सा समीकरण बिगड़ गया है? पिछली बार जब मैं चुनाव लड़ा था, तब स्थिति अलग थी, इसलिए मैंने एनडीए से बाहर रहना स्वीकार किया. पार्टी को 6 फीसदी वोट मिले थे. आज जब मैं गठबंधन के साथ हूं, तो मुझे नहीं लगता कि मेरे चुनाव लड़ने से किसी का समीकरण बिगड़ेगा.