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Bihar Election: बिहार चुनाव से पहले वोटर आईडी नियमों में बड़ा बदलाव, जानें नया तरीका
 

Bihar Election: बिहार चुनाव से पहले वोटर आईडी नियमों में बड़ा बदलाव, जानें नया तरीका

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं। नई व्यवस्था के तहत अब नए मतदाताओं को महज 15 दिन में घर बैठे अपना मतदाता पहचान पत्र (EPIC) मिल जाएगा। यह नई प्रक्रिया नए मतदाता पंजीकरण के साथ-साथ पुराने मतदाता कार्ड में सुधार के लिए भी लागू होगी। पहले इस प्रक्रिया में 30 दिन से ज्यादा का समय लगता था।

नई विधि और प्रक्रिया

मतदाता पहचान पत्रों की डिलीवरी को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू की है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

रियल-टाइम ट्रैकिंग: मतदाता कार्ड बनाने से लेकर डाक विभाग द्वारा घर तक इसकी डिलीवरी तक की हर प्रक्रिया को ट्रैक किया जा सकेगा।

एसएमएस अलर्ट: आवेदक को एसएमएस के जरिए हर चरण की जानकारी दी जाएगी, ताकि उन्हें कार्ड की स्थिति के बारे में पता रहे।

डाक विभाग के साथ एपीआई एकीकरण: ईसीआईनेट प्लेटफॉर्म के जरिए डाक विभाग से सीधी कनेक्टिविटी से कार्ड की डिलीवरी तेजी से होगी।

ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन: नए कार्ड के लिए आवेदन वोटर हेल्पलाइन ऐप या चुनाव आयोग की वेबसाइट (nvsp.in) के जरिए फॉर्म-6 भरकर किया जा सकता है। पुराने कार्ड में सुधार के लिए फॉर्म-8 और नाम हटाने के लिए फॉर्म-7 भरा जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज

पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि।

पता प्रमाण: बिजली बिल, राशन कार्ड, लीज डीड आदि।

आयु प्रमाण: जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं कक्षा की मार्कशीट आदि।

हाल ही में खिंचवाया गया पासपोर्ट साइज फोटो।

बिहार चुनाव की समयसीमा

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से 10 दिन पहले तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने या सही करने के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद केवल पता बदलने से संबंधित आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी, अन्य आवेदनों पर चुनाव के बाद कार्रवाई की जाएगी।

मतदाता सूची में नाम जांचें

मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में देखने के लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट (ceoelection.bihar.gov.in) या वोटर हेल्पलाइन ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। नाम न मिलने पर टोल-फ्री नंबर 1950 या 1800111950 पर संपर्क किया जा सकता है।

चुनाव आयोग की अन्य पहल

ई-वोटिंग की शुरुआत: बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां चुनिंदा नगर पंचायत और नगरपालिका उपचुनावों में मोबाइल फोन के जरिए ई-वोटिंग की सुविधा शुरू की जाएगी। बूथों की संख्या में वृद्धि: प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1200 कर दी गई है, जिससे बूथों की संख्या 77,895 से बढ़कर करीब 92,000 हो जाएगी। मतदाता सूची का सरलीकरण: मृतक मतदाताओं के नाम हटाने, बीएलओ को डिजिटल आईडी जारी करने और मतदाता सूचना पर्ची को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

विपक्ष का आरोप
कुछ विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि चुनाव आयोग ने मतदान के डिजिटल रिकॉर्ड को 1 साल के बजाय 45 दिनों तक संग्रहीत करने का फैसला किया है, जिसे वे "चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर" करने की साजिश मानते हैं। हालाँकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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