Bihar Elections: बिहार में 60 प्रतिशत नागरिकों को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं - चुनाव आयोग

बिहार की 2003 की मतदाता सूची की उपलब्धता की यह सुविधा बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में काफी सहायक होगी क्योंकि अब कुल मतदाताओं में से लगभग 60 प्रतिशत को कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल 2003 की मतदाता सूची से अपने विवरण को सत्यापित करना होगा और भरा हुआ गणना प्रपत्र जमा करना होगा। मतदाता और बीएलओ दोनों ही इन विवरणों को शीघ्रता और आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि जिस व्यक्ति का नाम 2003 की बिहार मतदाता सूची में नहीं है, वह भी अपने माता या पिता के लिए कोई अन्य दस्तावेज देने के बजाय 2003 की मतदाता सूची के प्रासंगिक भाग का उपयोग कर सकता है। यदि किसी नागरिक का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन उसके माता या पिता का नाम शामिल है, तो उसे किसी अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। केवल 2003 की मतदाता सूची का प्रासंगिक भाग ही पर्याप्त होगा।
आयोग के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21(2)(ए) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के नियम 25 के अनुसार प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण अनिवार्य है। मतदाता सूची एक जीवंत सूची है, जिसमें समय-समय पर नाम जोड़े और हटाए जाते हैं।