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Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव में राज्य को विशेष दर्जा बनेगा मुद्दा, जानें क्या है कांग्रेस की रणनीति

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बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस ने फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर हमला करते हुए कह रही है कि यह सत्तारूढ़ गठबंधन की विफलता है, जिसकी वजह से बिहार को अभी तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है। झारखंड के बिहार से अलग होने के बाद से ही बिहार में यह मुद्दा चल रहा है। हर चुनाव में इसकी गूंज भी सुनाई देती है। 29 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दो दिनों के लिए बिहार दौरे पर आने वाले हैं, इस दौरान विपक्ष इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश कर सकता है। जेडीयू ने भी की विशेष राज्य की मांग जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि यह मांग झारखंड के अलग होने के साथ ही शुरू हो गई थी, लेकिन 2005 के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू की सरकार बनने के बाद इस मांग ने और जोर पकड़ लिया। नीतीश ने बिहार के विकास के लिए केंद्र से अतिरिक्त आर्थिक सहायता और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग बार-बार उठाई। 2010 में बिहार विधानसभा में विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार के समग्र विकास के लिए जरूरी

नीतीश कुमार ने इसे बिहार के समग्र विकास के लिए जरूरी बताया। रैलियों से लेकर हस्ताक्षर अभियान तक चलाए गए। 2014 में भी नीतीश सरकार ने बिहार बंद का ऐलान किया था और इस मांग को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया था। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा बना था। जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन ने इसे अपने घोषणापत्र में शामिल किया था। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भी इसकी मांग उठती रही। लेकिन केंद्र सरकार ने लोकसभा में साफ कर दिया कि बिहार को विशेष दर्जा नहीं दिया जाएगा।

आंध्र प्रदेश भी इसी कतार में

सिर्फ बिहार ही नहीं, आंध्र प्रदेश को भी विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है। इस मुद्दे पर टीडीपी ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था और लगातार इस मुद्दे पर बीजेपी को घेर रही थी। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले टीडीपी फिर से एनडीए में शामिल हो गई। लेकिन आंध्र प्रदेश में अभी भी विशेष राज्य का मुद्दा जिंदा है। अब टीडीपी की विपक्षी पार्टी वाईएसआरसीपी विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे को हवा दे रही है। बिहार में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। बिहार में आरजेडी लगातार इस मुद्दे को उठा रही है और जेडीयू भी विशेष राज्य का दर्जा मांगने को मजबूर है।

बीजेपी का क्या स्टैंड है?

लेकिन बीजेपी का अपना स्टैंड है। बीजेपी के एक नेता ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि बीजेपी का वरिष्ठ नेतृत्व किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने में विश्वास नहीं रखता है। 2019 में भी स्थिति कुछ ऐसी ही थी और आज भी सोच वही है। इसीलिए आंध्र प्रदेश को पहले भी विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। बीजेपी नेता ने कहा- कोई क्यों चाहता है विशेष राज्य का दर्जा, ताकि वहां विकास हो और पैसा आए। जब ​​विशेष पैकेज देकर और दूसरे माध्यमों से केंद्र सरकार का फंड वहां दिया जा सकता है तो फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की क्या जरूरत है?

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