Bihar Election 2025 : पीएम मोदी देंगे बड़ी सौगात, दिल्ली की सियासत के लिए कितना जरूरी है बिहार

दिल्ली की राजनीति का रास्ता बिहार से होकर गुजरता है। बिहार की राजनीति देश की कहानी तय करती है। बिहार को जीतना बीजेपी के लिए बहुत जरूरी है। 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव (2027) और 2029 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय कर सकता है। पीएम मोदी भी इसे बखूबी समझते हैं। इस साल प्रधानमंत्री मोदी चौथी बार बिहार आ रहे हैं।
20 जून को बिहार आएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी 20 जून को बिहार के सीवान आ रहे हैं। वह बिहार को दस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम आवास योजना के तहत 51 हजार लोगों को पहली किस्त देंगे। वह 5361 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वे बेतिया विद्युत आपूर्ति परियोजना, छपरा जलापूर्ति परियोजना, बक्सर जलापूर्ति परियोजना, मोतिहारी सीवरेज प्रबंधन परियोजना, बक्सर सीवरेज परियोजना, सासाराम सीवरेज परियोजना, सीवान सीवरेज नेटवर्क एवं ट्रीटमेंट प्लांट, बेगूसराय जल परियोजना, साराराम जलापूर्ति परियोजना, मोतिहारी आईएंडडी एवं एसटीपी परियोजना, रक्सौल आईएंडडी एवं एसटीपी परियोजना, बक्सर आईएंडडी एवं एसटीपी परियोजना, आरा आईएंडडी एवं एसटीपी परियोजना के लिए धनराशि जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीवान में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन से गोरखपुर के बीच चलेगी। प्रधानमंत्री मोदी मढ़ौरा स्थित डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री में निर्यात के लिए बने पहले लोकोमोटिव को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
लोकोमोटिव इंजन गिनी को निर्यात किया जाएगा
सीवान के मढ़ौरा में निर्मित लोकोमोटिव डीजल इंजन को पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी को निर्यात किया जाएगा। सीवान स्थित यह फैक्ट्री पीपीपी मॉडल पर आधारित है। इसमें वेबटेक की हिस्सेदारी 76 फीसदी और रेलवे की हिस्सेदारी 24 फीसदी है।
पूर्णकालिक बजट में मोदी सरकार ने बिहार का खजाना भर दिया।
एनडीए 3.0 में बिहार और आंध्र प्रदेश का खजाना अहम है। लोकसभा चुनाव में एनडीए को बिहार की 40 में से 30 सीटें मिली थीं। जिसमें बीजेपी को 12, जेडीयू को 12, एलजेपी को 5 और हम (सेक्युलर) को एक सीट मिली थी। मोदी 3.0 बिहार के सीएम नीतीश और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के समर्थन से चल रही है। मोदी 3.0 ने अपने पूर्णकालिक बजट में बिहार और आंध्र का खजाना भर दिया।
पूर्णकालिक बजट (2024-2025) में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की। आईआईटी पटना में सीटों में बढ़ोतरी की घोषणा की। पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय सहायता की घोषणा की। पटना से सटे बिहटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा की। तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को घेरा राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी पर जुबानी हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में चुनाव होने हैं, इसलिए पीएम मोदी आ रहे हैं, लेकिन जब बिहार को मदद की जरूरत है, तो कोई नजर नहीं आ रहा है। केंद्र सरकार से बिहार को मदद नहीं मिलती है। केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया है, न ही विशेष आर्थिक पैकेज दिया है। पीएम मोदी महंगाई रोकने के लिए बिहार नहीं आ रहे हैं। गरीबी मिटाने के लिए बिहार नहीं आ रहे हैं। राजद सुप्रीमो लालू यादव और हमको जितना गाली देना है दे सकते हैं। बिहार में एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब 200 राउंड फायरिंग न हुई हो। पीएम मोदी आज तक एक चीनी मिल भी चालू नहीं करा पाए हैं। मोदी के लिए बिहार कितना महत्वपूर्ण है बिहार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बिहार काफी महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित जीत मिली है। अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस समय बिहार है। बिहार में राजद के नेतृत्व में महागठबंधन मजबूत नजर आ रहा है। नीतीश कुमार और एनडीए करीब 20 साल से सत्ता में हैं। सत्ता विरोधी लहर भी है. बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी माइक्रोमैनेजमेंट कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश के बाद बिहार बीजेपी हर बूथ पर फोकस कर रही है. एनडीए में क्या चल रहा है कुछ दिन पहले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में बीजेपी की बैठक हुई थी. उस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर पहली रूपरेखा तैयार की गई थी. माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत जेडीयू 102-103 सीटों, बीजेपी 101-102 सीटों, एलजेपी (रामविलास) 25-28 सीटों, हम (सेक्युलर) 6-7 सीटों, आरएलएसपी 4-5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि चिराग 50 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी समय-समय पर गठबंधन को चेतावनी दे रहे हैं. मांझी भी 10 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. जेडीयू इस बार भी बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती है.