Bihar Election: चिराग पासवान ने बिहार में खेला बड़ा दांव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को लेकर होने लगी चर्चा

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। चिराग के साले और सांसद अरुण भारती के एक बयान ने इस चर्चा को और हवा दे दी है। पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
सामान्य सीट से लड़ना चाहते हैं
खास बात यह है कि चिराग आरक्षित सीट की बजाय सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पहले अटकलें थीं कि वे अपनी जमुई सिकंदरा (सुरक्षित) सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब संभावना है कि वे दानापुर जैसी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, ताकि उनका संदेश दूर-दूर तक पहुंचे।
वर्तमान में उद्योग मंत्री
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, लोजपा ने हाल ही में एक सर्वे कराया था, जिसके आधार पर यह तय हुआ कि चिराग विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। चिराग वर्तमान में एनडीए सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बिहार में पांच सीटें जीतीं, जिसमें हाजीपुर से चिराग जीते। अब पार्टी चाहती है कि चिराग विधानसभा चुनाव लड़ें और बिहार के लिए काम करें। सूत्रों का कहना है कि चिराग के लिए पटना, दानापुर या हाजीपुर जैसी सीटों पर विचार किया जा रहा है।
बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा
चिराग के इस संभावित फैसले से बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग बिहार में बड़ा चेहरा बनकर उभरना चाहते हैं। 2013 में राजनीति में आने के बाद उन्होंने 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' का नारा बुलंद किया और युवाओं के बीच अपनी पहचान बनाई।
तेजस्वी यादव को कड़ी चुनौती
चिराग का यह कदम राजद नेता तेजस्वी यादव को कड़ी चुनौती दे सकता है, जो इस समय बिहार में युवा नेतृत्व का मुख्य चेहरा हैं। तेजस्वी को लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत और मुस्लिम-यादव समीकरण का मजबूत सहारा है। वहीं, कांग्रेस ने कन्हैया कुमार के रूप में पहले ही युवा चेहरे को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में चिराग के चुनाव लड़ने से बिहार की राजनीति में युवा नेताओं के बीच मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है।