Bihar Election: बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल रिवीजन पर चुनाव आयोग का बयान, दिया ये जवाब

चुनाव आयोग ने इस सप्ताह एक बयान जारी कर बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की बात कही है। आयोग का कहना है कि घर-घर जाकर नागरिकों की जांच की जाएगी और वैध दस्तावेजों के आधार पर उनका पंजीकरण किया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि जरूरत के हिसाब से सूची से नाम हटाए या जोड़े जाएंगे। मतदाता सूची का यह पुनरीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है, जब अगले कुछ महीनों में राज्य में चुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्षी दल और नेता आयोग के इस फैसले पर नाराजगी जता रहे हैं और चिंता जता रहे हैं। आयोग ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया है। आयोग ने कहा कि एसआईआर पर सवाल उठाने वालों के लिए एकमात्र जवाब धारा 326 है। एसआईआर के दौरान चुनाव आयोग धारा 326 का सख्ती से पालन करेगा। राजनीतिक दलों और अन्य व्यक्तियों को भी धारा 326 का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। चुनाव आयोग ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। एसआईआर धारा 326 के अनुरूप है। जो भी एसआईआर का विरोध कर रहा है, वह वास्तव में धारा 326 का विरोध कर रहा है और उसे अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन के लिए विशेष रूप से चलाए जा रहे सघन अभियान पर विपक्षी दल और नेता न केवल संदेह जता रहे हैं, बल्कि इसके खिलाफ कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। बिहार में महागठबंधन के दलों ने मतदाता सूची से जुड़े इस अभियान के खिलाफ बयानबाजी तेज कर दी है। कानूनी उपायों के लिए कानूनी विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है।