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Bihar Election 2025:  'वोटर लिस्ट अपडेशन को लेकर SIR प्रोसेस में कोई बदलाव नहीं', विज्ञापन से पैदा हुए भ्रम पर चुनाव आयोग की सफाई

'वोटर लिस्ट अपडेशन को लेकर SIR प्रोसेस में कोई बदलाव नहीं', विज्ञापन से पैदा हुए भ्रम पर चुनाव आयोग की सफाई

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर सियासत गरमा गई है। इस बीच बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य का विरोध किया है। राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव आयोग पर हमला बोला है। वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। इसके साथ ही ओवैसी ने कांग्रेस-राजद का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग से बड़ी मांग की है। बता दें कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन, चुनाव से पहले मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वहीं, सोमवार दोपहर को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अगुवाई में पूरा विपक्ष एकजुट हुआ और राजद कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से 9 जुलाई को राज्यव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया। इस बीच, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बड़ा बयान दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि आप इतने कम समय में एसआईआर कैसे कर सकते हैं, आप उन लोगों का जन्म प्रमाण पत्र क्यों मांग रहे हैं जिन्होंने अपना पता बदल लिया है, जो अब कहीं और चले गए हैं। बिहार में कुछ नहीं हुआ है, रोजगार नहीं है, इसलिए वे लोग मजबूरी में बाहर गए हैं। हमने ये सारी समस्याएं चुनाव आयोग के सामने रखी हैं। अगर जल्दबाजी में 15-20% नाम भी छूट गए तो यह नागरिकता का मुद्दा बन जाएगा। इसलिए हम कह रहे हैं कि हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कृपया हमें समय दें।"

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