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Bihar Election 2025: जंग-ए-दिल्ली में शिकस्त के बाद बिहार में तंबू गाढ़ने की तैयारी में केजरीवाल, दोस्ती तोड़ तेजस्वी को करेंगे डैमेज

जंग-ए-दिल्ली में शिकस्त के बाद बिहार में तंबू गाढ़ने की तैयारी में केजरीवाल, दोस्ती तोड़ तेजस्वी को करेंगे डैमेज

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में हार का सामना करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) बिहार में राजनीति करने आ रही है। कहा जा रहा है कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल बिहार में डेरा डालने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा रहे अरविंद केजरीवाल बिहार विधानसभा चुनाव में अपने दम पर उम्मीदवार उतारने की योजना पर काम कर रहे हैं।

पदयात्रा के जरिए बिहार में ताकत दिखाएगी आप

जन सूरज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बिहार में पदयात्रा के जरिए राजनीतिक ताकत जुटाने के प्रयासों को देखते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने भी यही रास्ता चुना है। आम आदमी पार्टी ने बिहार चुनाव से पहले यहां 7 चरणों में पदयात्रा करने की योजना बनाई है। आप 31 मई से 3 जून तक बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा करेगी।

क्या केजरीवाल पदयात्रा में शामिल होंगे

बिहार के राजनीतिक गलियारों में इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आप की पदयात्रा में शामिल होंगे। इस पर पार्टी की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। लेकिन जानकारों का कहना है कि जब तक अरविंद केजरीवाल इस मार्च में शामिल नहीं होते, इसका कोई मतलब नहीं है। बिहार जैसे राज्य में लोग आम आदमी पार्टी को थोड़ा बहुत जानते हैं, तो अरविंद केजरीवाल की वजह से। वैसे भी आप के पहले मार्च का नाम केजरीवाल के नाम पर ही रखा गया है।

आप बिहार क्यों आ रही है?

इस सवाल पर चर्चा हो रही है कि अरविंद केजरीवाल को बिहार आकर राजनीति क्यों करनी पड़ रही है। इस सवाल पर जानकारों का कहना है कि दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने के बाद आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। अब आप की सरकार दिल्ली में चली गई है। ऐसे में आप के लिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रख पाना मुश्किल हो गया है। बिहार चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का आप का फैसला कहीं न कहीं सिर्फ वोट प्रतिशत हासिल करने के लिए है। आप चाहती है कि चूंकि अभी पंजाब में उसकी सरकार है, इसके अलावा अगर कुछ अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी उसके कुछ विधायक जीत जाते हैं, तो यह पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी बनाए रख पाएगी।

क्या केजरीवाल तेजस्वी यादव के वोट बैंक में सेंध लगा पाएंगे?

बिहार चुनाव में आम आदमी पार्टी के उतरने की खबरों के बीच इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि किस गठबंधन या पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। बिहार में आप के अब तक के राजनीतिक कदमों पर नजर डालें तो उसने पदयात्रा के पहले चरण के लिए किशनगंज जैसे जिलों को चुना है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप बिहार में मुस्लिम बहुल इलाकों पर फोकस करने की योजना बना रही है।

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