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Bihar Election 2025 : क्या अधिकारियों पर मेहरबान हैं नीतीश? चहेते अफसरों की हिस्ट्री जानिए
 

क्या अधिकारियों पर मेहरबान हैं नीतीश? चहेते अफसरों की हिस्ट्री जानिए

हार की राजनीति गरमाने लगी है। राजद नेता तेजस्वी लगातार नीतीश कुमार की सरकार पर अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को सुपर सीएम चला रहे हैं। बिहार में असली सत्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ में नहीं, बल्कि 'डीके बॉस' के पास है। सत्ता के गलियारे में कहा जाता है कि नीतीश अफसरशाही के पसंदीदा सीएम हैं। अफसरों के एक समूह को भी नीतीश जगह देते हैं। उनकी पार्टी में कई पूर्व अफसर शामिल हुए।

आरसीपी टैक्स के बाद अब डीके टैक्स

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में आरसीपी टैक्स के बाद अब डीके टैक्स का जमाना आ गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में न तो सीएम नीतीश कुमार चल रहे हैं, न ही डीजीपी और मुख्य सचिव। बिहार को रिटायर्ड आईएएस अफसर चला रहे हैं। अब बिहार में डीके टैक्स चल रहा है। ट्रांसफर पोस्टिंग में हेराफेरी का खेल चल रहा है। काबिल अफसरों को किनारे कर दिया गया है। इससे पहले उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू अध्यक्ष रहे पूर्व आईएएस अफसर आरसीपी सिंह का नाम लेकर हलचल मचा दी थी। तेजस्वी ने कहा था कि बिहार में सरकारी अधिकारी चाहे जितनी भी गलतियां कर लें, चाहे मामला कितना भी गंभीर क्यों न हो, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। क्योंकि नौकरशाहों ने आरसीपी टैक्स चुकाया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर अधिकारियों के हावी होने की खबर सामने आई है। सीएम नीतीश कुमार पर कई बार ऐसे आरोप लगते रहे हैं। समय-समय पर कई आईएएस अधिकारी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे हैं। कुछ अधिकारी औपचारिक रूप से जेडीयू में शामिल हो गए।

जेडीयू कोटे से आरसीपी सिंह केंद्र सरकार में मंत्री बने। पूर्णिया के पूर्व डीएम और ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा जेडीयू में महासचिव हैं। ये अधिकारी रहे हैं नीतीश के करीबी आमिर सुबहानी: बिहार के पूर्व मुख्य सचिव आमिर सुबहानी कभी सीएम नीतीश के बेहद करीबी थे। रिटायरमेंट के एक महीने बाद ही उन्हें नियामक बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर कई बार सरकार को घेरा है। ब्रजेश मेहरोत्रा: बिहार के मुख्य सचिव पद से रिटायर होने के बाद ब्रजेश मेहरोत्रा ​​को नीतीश सरकार ने राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया था। मनीष वर्मा: ओडिशा कैडर के 2000 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा भी नीतीश के काफी करीबी थे। बिहार में प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्हें पटना और पूर्णिया जिले की कमान सौंपी गई थी। रिटायरमेंट के बाद वे जेडीयू में शामिल हो गए। वर्मा ने कहा था कि पहले मैं नीतीश के दिल में था, अब उनकी पार्टी में हूं। मकसूद आलम: गोपालगंज के डीएम रहे मकसूद आलम को कर्मचारी चयन आयोग का सदस्य बनाया गया। अंजनी कुमार सिंह: पूर्व आईएएस अधिकारी अंजनी कुमार सिंह को सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार म्यूजियम का निदेशक बनाया गया। आरसीपी सिंह: नीतीश ने पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह को अपनी पार्टी जेडीयू का अध्यक्ष बनाया। वे दो बार राज्यसभा सांसद रहे। जेडीयू कोटे से मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। जेडीयू से निकाले जाने के बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी 'ASA' बनाई। पिछले महीने उन्होंने अपनी पार्टी का जनसुराज में विलय कर दिया। इसके अलावा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक कुमार, चंचल कुमार, संजीव हंस, कुमार रवि, चैतन्य प्रसाद, आनंद किशोर, अनुपम कुमार और एस सिद्धार्थ भी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं।

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