Bihar Election 2025 : 345 राजनीतिक दलों को सूची से हटाएगा चुनाव आयोग, छह सालों से एक भी चुनाव में नहीं लिया हिस्सा

चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह सालों से निष्क्रिय 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की। यह कदम मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ उठाया।
आयोग के मुताबिक ये दल निष्क्रिय रहेंगे
आयोग के मुताबिक इन दलों ने 2019 से यानी पिछले छह सालों में एक भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है, जो पंजीकरण बनाए रखने के लिए एक जरूरी शर्त है। साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि इन दलों के कार्यालय भी कहीं मौजूद नहीं हैं, यानी ये सिर्फ कागजों पर पंजीकृत हैं।
आयोग के मुताबिक ये 345 राजनीतिक दल देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय होने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा कोई सबूत नहीं है। संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) को इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग को रोका था
अधिकारियों ने बताया कि 2001 से अब तक चुनाव आयोग निष्क्रिय आरयूपीपी को समाप्त करने की प्रक्रिया "तीन से चार बार" अपना चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की "मान्यता समाप्त" करने से रोका था, क्योंकि कानून में ऐसा करने का प्रावधान नहीं है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने पार्टियों की "मान्यता समाप्त" करने का तरीका खोज लिया है। चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि मान्यता समाप्त किए गए दलों को चुनाव आयोग द्वारा नई मान्यता दिए बिना ही फिर से सूचीबद्ध किया जा सकता है।
67 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल
2,800 से अधिक आरयूपीपी के अलावा, देश में छह राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। अतीत में, कुछ आरयूपीपी आयकर अधिनियम और मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम का उल्लंघन करते पाए गए हैं।
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 2800 से अधिक आरयूपीपीएस दर्ज
फिलहाल चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 2800 से अधिक आरयूपीपीएस दर्ज हैं, लेकिन इनमें से कई दल जरूरी शर्तें पूरी नहीं कर रहे हैं। आयोग ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए ऐसे दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है। बिहार चुनाव से पहले यह कदम उठाया गया है। सूची से हटाए गए दल चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकते।