Bihar Election 2025: बिहार में किंग नहीं, किंगमेकर बनना चाहते हैं चिराग पासवान, जानिए असेंबली इलेक्शन लड़ने के पीछे की कहानी

राजनीति में हर राजनेता बादशाह बनना चाहता है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के मन में भी यह भावना उमड़ रही है। वह बादशाह बन पाएंगे या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन राजनीति में ऐसे अवसरों से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर 43 विधायकों वाली पार्टी के नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन सकते हैं और कभी बिहार का हिस्सा रहे झारखंड में निर्दलीय मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुल सकता है, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी कि चिराग पासवान को भी ऐसा मौका मिल जाए। पिछले 20 सालों में एनडीए में शामिल किसी भी दल को बिहार में सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिला है। हालांकि, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन गए। अगर चिराग पासवान केंद्रीय राजनीति से अलग होकर बिहार में अपना भविष्य तलाश रहे हैं, तो शायद वह ऐसी संभावना की उम्मीद कर रहे हैं।
क्या चिराग विधानसभा चुनाव लड़ेंगे?
चिराग पासवान को 2020 में भले ही निराशा हाथ लगी हो, लेकिन बिहार के प्रति उनका प्रेम कम नहीं हुआ है। तकनीकी तौर पर वह बिहार से लोकसभा सांसद हैं। केंद्र में उन्हें मंत्री पद भी मिल गया है, लेकिन बिहार की राजनीति में उतरने की उनकी हसरत अधूरी रह गई है। बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट उनकी पार्टी का नारा है। इस नारे को सच साबित करने के लिए उन्हें बिहार की राजनीति में उतरना होगा। पिछले कई महीनों से चिराग कह रहे हैं कि पार्टी कहेगी तो वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वे 2030 का विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। फिर उन्होंने कहा कि पार्टी कहेगी तो वे इस बार भी विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हाल ही में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी ने जो 10 प्रस्ताव पारित किए थे, उनमें से एक प्रस्ताव उनके बिहार की राजनीति में उतरने का भी था। अब पार्टी के सभी प्रकोष्ठों ने उनके इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिए हैं।
चिराग की ताजपोशी का पोस्टर
पिछले महीने जब चिराग बिहार आए थे, तो उनके समर्थकों ने पटना में उनकी ताजपोशी के पोस्टर लगाए थे। माना जा रहा था कि पोस्टर चिराग के कहने पर ही लगाए गए थे। हालांकि, जब वे दरभंगा में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए तो उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल उनकी ताजपोशी का सवाल ही नहीं उठता। क्योंकि बिहार में फिलहाल मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। दरभंगा से लौटते ही वे नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास 1, एन मार्ग पहुंचे। वहां से निकलने के बाद भी उन्होंने वही बात दोहराई जो उन्होंने दरभंगा में कही थी।
किंगमेकर बनना चाहते हैं चिराग
चिराग पासवान का यह भी कहना है कि पिछली बार की तरह वे अलग से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी पार्टी एनडीए में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि, उनकी पार्टी लोजपा-आर 60 सीटों की मांग कर रही है। चिराग भी जानते हैं कि इतनी सीटें मिलना मुश्किल है। अगर उन्हें 20-25 सीटें भी मिल जाती हैं और लोकसभा की तरह उनकी पार्टी की उपलब्धि 100 फीसदी रहती है तो वे किंगमेकर की भूमिका निभाएंगे। एनडीए में अब तक यही चर्चा रही है कि 243 सीटों में से बीजेपी और जेडीयू 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। बाकी 43 सीटें अन्य सहयोगियों को दी जाएंगी। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अलावा चिराग पासवान की एलजेपी-आर के बीच 43 सीटें शेयर की जाएंगी। ऐसे में चिराग पासवान के लिए किंग बनना आसान नहीं है, लेकिन वे किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।