Bihar Election 2025: बिहार के मगध-शाहबाद में चिराग-कुशवाहा-मांझी की तिकड़ी पर बड़ा दांव, 62 सीटों के लिए सेट होने समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी चरम पर है और इस बार मगध और शाहाबाद क्षेत्र की 62 सीटें सियासी रणभूमि का केंद्र बन गई हैं. बिहार की राजनीति में इस बार मगध, शाहाबाद, बक्सर, औरंगाबाद, गया और जहानाबाद क्षेत्र में आने वाली कुल 62 विधानसभा सीटों की लड़ाई काफी अहम हो गई है. ये वो क्षेत्र है जहां एनडीए गठबंधन 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 3 सीटें ही जीत सका था जो एक बड़ी हार थी. लेकिन इस बार एनडीए ने इस क्षेत्र को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है और इन सीटों पर अपनी पूरी ताकत लगा रहा है. बक्सर, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, रोहतास और कैमूर जैसे जिलों में फैली ये सीटें नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को इस क्षेत्र में करारी हार का सामना करना पड़ा था जहां 62 में से सिर्फ 3 सीटें ही उसके खाते में आई थीं. इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन इन सीटों पर जीत के लिए पूरा जोर लगा रहा है, ताकि 2020 की शर्मनाक हार का दाग धुल सके।
कैसा है जातिगत समीकरण?
मगध और शाहाबाद क्षेत्र में दलित, कुशवाहा, यादव और अति पिछड़ा वर्ग के मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं। 2020 में इन वर्गों के समर्थन से राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन ने इस क्षेत्र में दबदबा बनाया था। खास तौर पर भाकपा-माले ने दलित मतदाताओं को गोलबंद कर कई सीटों पर कब्जा किया था। वहीं, चिराग पासवान की तत्कालीन अलगाववादी रणनीति ने जदयू को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिसके कारण शाहाबाद में एनडीए का प्रदर्शन खासा खराब रहा था। इस बार चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एनडीए का हिस्सा है और उनकी मौजूदगी से गठबंधन को दलित वोटों को साधने की उम्मीद है।
चिराग, कुशवाहा और मांझी की तिकड़ी पर दांव