
बिहार में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण रिकॉर्ड बिजली की खपत हो रही है। मंगलवार रात 10 बजे के बाद बिहार में 8303 मेगावाट बिजली की खपत हुई, जो अब तक का रिकॉर्ड है। यह पिछले साल 23 सितंबर को हुई रिकॉर्ड बिजली खपत 8005 से 298 मेगावाट अधिक है। देर रात तक इसमें और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस साल जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है, उससे इसके 9 हजार मेगावाट के आंकड़े को पार करने की संभावना है।
बिजली क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, बिहार ने अब तक की सबसे अधिक मांग को पूरा कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन और नेतृत्व में बिजली विभाग और बिजली कंपनियां बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिजली आपूर्ति की अधिकतम मांग में लगातार हो रही बढ़ोतरी राज्य में सर्वांगीण और समावेशी विकास का संकेत है।
बिहार लगातार नया इतिहास रच रहा है
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यही वजह है कि बिहार बिजली की मांग और आपूर्ति के क्षेत्र में लगातार नया इतिहास रच रहा है। दोनों बिजली वितरण कंपनियों- उत्तर और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने बिजली आपूर्ति की अधिकतम मांग को पूरा किया। वर्ष 2005 में अधिकतम मांग 700 मेगावाट थी जो अब बढ़कर 8303 मेगावाट हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में बिहार के लोगों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष 15,995 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है।
पड़ोसी राज्यों से सस्ती है बिहार की बिजली
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और बंगाल से बिहार में बिजली सस्ती है। सस्ती बिजली मिलने से राज्य की समग्र विकास दर बढ़ी है और बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही है। बिहार ने बिजली के क्षेत्र में कई कीर्तिमान रचे हैं। वर्ष 2005 में जहां बिहार में मात्र 17 लाख उपभोक्ता थे, वहीं अब बढ़कर 21.3 करोड़ से अधिक हो गए हैं। उस समय प्रति व्यक्ति बिजली की खपत मात्र 70 यूनिट थी, अब यह बढ़कर 360 यूनिट हो गई है। शहरी क्षेत्रों में 23-24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 21-22 घंटे बिजली दी जा रही है।