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बिहार में पेंशनधारियों को बड़ी सौगात, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्रांसफर किए 1227 करोड़ रुपये

बिहार में पेंशनधारियों को बड़ी सौगात, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्रांसफर किए 1227 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार, 11 जुलाई को बिहार के पेंशनधारियों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया। राज्य सरकार ने 1.11 करोड़ पेंशनभोगियों के खातों में कुल 1227 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। यह पहली बार है जब लाभार्थियों को 1100 रुपये प्रति माह की बढ़ी हुई दर से पेंशन प्रदान की गई है। बढ़ी हुई राशि जून 2025 से प्रभावी मानी जाएगी और इसी के तहत यह पहली किस्त जारी की गई है।

इस योजना का सीधा लाभ राज्य के उन जरूरतमंद वर्गों को मिलेगा जो सामाजिक सुरक्षा के तहत विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इनमें वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन सहित कई श्रेणियां शामिल हैं।

बढ़ी हुई पेंशन का पहला भुगतान

मुख्यमंत्री ने पटनावासियों को संबोधित करते हुए कहा कि "राज्य सरकार गरीबों, बुजुर्गों, विधवाओं और असहाय लोगों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी लाभार्थी को सहायता में देरी न हो।" उन्होंने कहा कि पेंशन राशि में वृद्धि कर सरकार ने अपने सामाजिक न्याय और जनकल्याण के वादे को एक बार फिर पूरा किया है।

सीधा ट्रांसफर, पारदर्शी व्यवस्था

नीतीश सरकार ने यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी, जिससे किसी तरह की बिचौलिया व्यवस्था को खत्म किया जा सके। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और लाभार्थी को समय पर पूरी राशि मिलती है।

राज्य के गरीब वर्ग को मिला संबल

राज्य सरकार के इस फैसले से गरीब, वंचित और असहाय वर्गों को आर्थिक संबल मिलेगा। खासकर वे बुजुर्ग जो किसी भी आय के स्रोत से वंचित हैं, उनके लिए यह राशि जीवनयापन में मददगार होगी। गर्मी और बारिश के मौसम में जब कामकाज ठप हो जाता है, तब यह पेंशन राशि राहत पहुंचाने वाली साबित हो सकती है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, विपक्ष ने इस घोषणा को लेकर राजनीति भी शुरू कर दी है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि "चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। पहले से ही महंगाई बढ़ रही है और यह वृद्धि पर्याप्त नहीं है।" वहीं, जदयू और भाजपा के नेताओं ने इस योजना को मुख्यमंत्री की “जन-समर्पित सोच” का प्रतीक बताया।

क्या कहते हैं लाभार्थी?

पटना और आस-पास के जिलों से कई लाभार्थियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। बिहटा की रहने वाली 68 वर्षीय सावित्री देवी ने कहा, “पहले 400-500 रुपये में कुछ नहीं हो पाता था। अब थोड़ा राहत महसूस हो रहा है।" वहीं, मुजफ्फरपुर के रघुवीर पासवान ने बताया कि अब उन्हें दवा और खाने के खर्च में थोड़ी मदद मिल जाएगी।

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