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बिहार विधानसभा चुनाव 2025, सीट बंटवारे पर महागठबंधन में घमासान, कांग्रेस ने ठोकी 90 सीटों की दावेदारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट बंटवारे पर महागठबंधन में घमासान, कांग्रेस ने ठोकी 90 सीटों की दावेदारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अब घमासान मचता नजर आ रहा है। जहां एक ओर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 24 से अधिक सीटों पर दावेदारी कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की परेशानी बढ़ा दी है, वहीं अब कांग्रेस ने भी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाकर खेमे में हलचल तेज कर दी है।

कांग्रेस की रणनीति का खुलासा

सूत्रों के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आगामी बिहार चुनाव में 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना तैयार की है। पार्टी ने इन सीटों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:

  • श्रेणी 'ए': 50 मजबूत और परंपरागत सीटें, जहां कांग्रेस को जीत की संभावनाएं अधिक लगती हैं।

  • श्रेणी 'बी': 18 सीटें, जहां पार्टी को संगठनात्मक मजबूती की जरूरत है लेकिन मुकाबले में बनी हुई है।

  • श्रेणी 'सी': 18 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस प्रयोग के तौर पर चुनाव लड़ना चाहती है या गठबंधन के भीतर अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहती है।

इसके अतिरिक्त, पार्टी चार और सीटों पर विचार कर रही है, जो विशेष परिस्थिति में अंतिम सूची में शामिल की जा सकती हैं।

महागठबंधन में खिंचतान के संकेत

महागठबंधन में कांग्रेस की इस मांग से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगुवाई वाले खेमे में असमंजस की स्थिति बन गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस को गठबंधन में 50 से 55 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन पार्टी की 90 सीटों की मांग से सीट शेयरिंग पर बातचीत कठिन हो सकती है।

इससे पहले भाकपा, भाकपा माले और भाकपा माले लिबरेशन जैसे वामपंथी दलों ने भी कई सीटों पर दावेदारी जताई है, जिससे राजद की रणनीतिक गणना में असंतुलन देखने को मिल रहा है।

तेजस्वी यादव की चुनौती

राजद नेता तेजस्वी यादव पर महागठबंधन को एकजुट रखने और सीट बंटवारे में सभी दलों को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी है। कांग्रेस और वामदलों की बढ़ती मांगों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी किस तरह संतुलन साधते हैं।

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