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भागलपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति विवाद, आंदोलन की आशंका

भागलपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति विवाद, आंदोलन की आशंका

भागलपुर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। अस्पताल में पुराने एजेंसी कर्मचारियों में से केवल 50% ही नई नियुक्ति में शामिल होंगे। यह निर्णय अंग विकास परिषद (Organ Development Council) ने लिया है, जिन्होंने अकुशल कर्मियों के कारण सभी को काम पर रखने से इनकार कर दिया।

अंगीकार परिषद का निर्णय और कारण

अंग विकास परिषद के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में सेवा देने वाले कुछ कर्मचारी आवश्यक योग्यता और प्रशिक्षण में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। ऐसे में सभी कर्मचारियों को नौकरी पर रखना मरीजों की सुविधा और अस्पताल की कार्यप्रणाली के लिए जोखिम भरा हो सकता है। परिषद ने स्पष्ट किया कि केवल उन कर्मचारियों को नौकरी मिलेगी जो आवश्यक मानकों पर खरे उतरते हैं।

अधिकारियों के निर्देश और समीक्षा प्रक्रिया

हालांकि अस्पताल के अधीक्षक ने कर्मचारियों को नौकरी देने का निर्देश दिया है, परंतु उन्होंने यह भी कहा कि अकुशल कर्मियों की कार्यकुशलता और योग्यता की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा पूरी होने तक केवल योग्य कर्मचारियों को ही नियमित रूप से नियुक्ति दी जाएगी।

अस्पताल में आंदोलन की आशंका

कर्मचारियों के बीच इस निर्णय को लेकर नाराज़गी है। पुराने एजेंसी कर्मचारियों ने संकेत दिया है कि यदि नौकरी में असमानता बनी रही, तो वे आंदोलन कर सकते हैं। अस्पताल प्रबंधन और अंग विकास परिषद ने कहा है कि वे कर्मचारियों से संवाद के जरिए समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

मरीजों की सुविधा बनी रहेगी

अस्पताल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस विवाद के दौरान मरीजों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी। इलाज और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं नियमित रूप से उपलब्ध रहेंगी।

आगे की कार्रवाई

अंग विकास परिषद और अस्पताल प्रशासन ने बैठक कर स्पष्ट किया है कि योग्य कर्मचारियों की पहचान के बाद ही उन्हें नियुक्त किया जाएगा। वहीं, उन कर्मचारियों को प्रशिक्षण और विकास के अवसर भी दिए जाएंगे, ताकि भविष्य में वे नियमित कर्मचारियों के साथ काम कर सकें।

भागलपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का यह निर्णय कर्मचारियों और प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, लेकिन मरीजों की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्राथमिकता बनी हुई है।

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