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शिक्षक भर्ती घोटाले में बांका के पूर्व शिक्षक मंडेश्वर भगत को दो साल की सश्रम कारावास

शिक्षक भर्ती घोटाले में बांका के पूर्व शिक्षक मंडेश्वर भगत को दो साल की सश्रम कारावास

बिहार के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत ने बांका जिले के पूर्व प्राथमिक विद्यालय शिक्षक मंडेश्वर भगत को दो वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

₹40 हजार का जुर्माना भी लगाया

अदालत ने आरोपी मंडेश्वर भगत पर ₹40,000 का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि यह जुर्माना अदा नहीं किया गया तो आरोपी को अतिरिक्त छह महीने की जेल की सजा भुगतनी होगी।

क्या है मामला?

मंडेश्वर भगत पर आरोप था कि उसने फर्जी दस्तावेज़ों और गलत तरीके से शिक्षक पद पर नियुक्ति हासिल की थी। इस मामले में सीबीआई ने जांच के दौरान सबूत जुटाए और अदालत में अभियोजन पेश किया।

न्यायिक प्रक्रिया और सख्ती

अदालत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। एक शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है और अगर उसकी नियुक्ति ही धोखाधड़ी से हो तो यह पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल उठाता है।

क्या कहती है यह सजा?

यह फैसला उन सभी मामलों के लिए एक मिसाल है, जहां सरकारी पदों की नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा कर के लोग न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं, बल्कि समाज और छात्रों के भविष्य से भी खिलवाड़ करते हैं।

आगे क्या?

सीबीआई अब इस फैसले के आधार पर अन्य दोषियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है। शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े कई अन्य मामलों की भी जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

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