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'बदलो बिहार यात्रा' का पटना में हुआ समापन, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एबीपी से की खास बातचीत

'बदलो बिहार यात्रा' का पटना में हुआ समापन, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एबीपी से की खास बातचीत

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच भाकपा माले (CPI-ML) की ओर से निकाली गई 'बदलो बिहार यात्रा' का आज राजधानी पटना में भव्य समापन हुआ। यात्रा के अंतिम पड़ाव पर आयोजित कार्यक्रम में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एबीपी न्यूज से विशेष बातचीत की और यात्रा के उद्देश्यों, अनुभवों और भविष्य की रणनीति पर खुलकर बात की।

चार यात्राओं ने जोड़ा बिहार के अलग-अलग हिस्सों को

दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि इस अभियान के तहत कुल चार यात्राएं निकाली गईं – दो मध्य बिहार और दो उत्तर बिहार के इलाकों में। इन यात्राओं ने कई जिलों और विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ा और जनता से सीधे संवाद स्थापित करने का अवसर मिला। यात्रा के माध्यम से पार्टी ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जाकर जनता के मुद्दों को समझा और उनके समाधान का संकल्प दोहराया।

यात्रा का उद्देश्य

भट्टाचार्य ने कहा कि "बदलो बिहार यात्रा का मकसद बिहार की बदहाल व्यवस्था, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करना था। साथ ही यह यात्रा जनता को यह संदेश देने के लिए थी कि अगर वे बदलाव चाहते हैं, तो उन्हें मौजूदा सत्ता को हटाना होगा।"

जनसमर्थन से उत्साहित माले

भाकपा माले महासचिव ने कहा कि यात्रा को विभिन्न इलाकों में जबरदस्त जनसमर्थन मिला। "हजारों की संख्या में लोग यात्रा से जुड़े। खासतौर पर युवाओं और किसानों में भारी उत्साह देखा गया।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह समर्थन इस बात का संकेत है कि बिहार में बदलाव की लहर चल रही है और जनता अब विकल्प की तलाश में है।

सरकार पर साधा निशाना

दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार की मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार ने बिहार को सिर्फ झूठे वादों और घोटालों का अड्डा बना दिया है। जनता महंगाई, बेरोजगारी और खराब कानून व्यवस्था से त्रस्त है, और सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी में व्यस्त है।"

आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी

भाकपा माले नेता ने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी, लेकिन सीटों को लेकर सम्मानजनक समझौता जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि माले जमीनी स्तर पर मजबूत है और कई सीटों पर उसकी पकड़ बेहद मजबूत है। ऐसे में गठबंधन में बराबरी का व्यवहार जरूरी है।

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