चाची-भतीजे ने रचाई शादी, रिश्तों की मर्यादा को किया तार-तार, गांव में फैली सनसनी

रिश्तों की मर्यादा को झकझोर देने वाली एक अजीबो-गरीब घटना बिहार के छपरा जिले में सामने आई है। सदर थाना क्षेत्र के सिकहरिया गांव में चाची ने अपने ही भतीजे से मंदिर में शादी रचा ली, वो भी अपने पहले पति की मौजूदगी में। इस घटना के सामने आने के बाद पूरे गांव में चर्चा और सनसनी का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, गांव के विशाल दुबे की पत्नी आयुषी कुमारी ने शुक्रवार की देर शाम अपने गांव के ही रिश्ते के भतीजे के साथ मंदिर में सात फेरे ले लिए। इससे भी चौंकाने वाली बात यह रही कि विवाह के दौरान आयुषी का पहला पति विशाल दुबे भी मौके पर मौजूद था। शादी के बाद महिला ने स्पष्ट रूप से कहा, "अब यह (भतीजा) ही मेरा सब कुछ है। मैंने अपने मन से यह रिश्ता चुना है।"
गांव में चर्चा, परिवार में तनाव
इस घटना से गांव के लोग स्तब्ध हैं। पारंपरिक ग्रामीण समाज में इस तरह के रिश्ते को अस्वीकार्य और सामाजिक मर्यादा के खिलाफ माना जाता है। वहीं, परिवार और रिश्तेदारों के बीच भी गंभीर विवाद और तनाव की स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि महिला पिछले कुछ समय से अपने भतीजे के साथ संपर्क में थी, और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही थीं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रिश्ते को लेकर घर में कई बार झगड़े भी हो चुके थे, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि बात इस हद तक बढ़ जाएगी कि महिला अपने ही पति को छोड़कर भतीजे से शादी कर लेगी।
पुलिस की भूमिका
घटना की सूचना स्थानीय थाने को भी दी गई है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है, क्योंकि दोनों पक्षों ने इसे आपसी सहमति का मामला बताया है। हालांकि, महिला के पहले पति विशाल दुबे और उसके परिवार की ओर से कानूनी विकल्पों पर विचार किए जाने की संभावना जताई गई है।
सामाजिक दृष्टिकोण और विशेषज्ञों की राय
सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों की गहराई से जुड़ा हुआ है। रिश्तों की सीमाएं जब टूटने लगती हैं, तो समाज में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति पैदा होती है। खासकर ग्रामीण परिवेश में ऐसे मामलों से पारिवारिक ताना-बाना प्रभावित होता है।