सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े की कोशिश नाकाम, बायोमेट्रिक सुपरवाइजर समेत तीन गिरफ्तार
बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़े की साजिश को पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया। इस मामले में परीक्षा केंद्र के बायोमेट्रिक सुपरवाइजर विमलेश कुमार, एक फर्जी परीक्षार्थी अतुल कुमार, और असली परीक्षार्थी राजन कुमार को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन तीनों ने मिलकर परीक्षा में धोखाधड़ी की कोशिश की थी।
परीक्षा केंद्र पर पकड़ा गया फर्जी परीक्षार्थी
मामला तब उजागर हुआ जब परीक्षा केंद्र पर उपस्थित पर्यवेक्षकों को बायोमेट्रिक प्रक्रिया में गड़बड़ी का संदेह हुआ। बारीकी से जांच करने पर पता चला कि जो परीक्षार्थी परीक्षा में बैठा है, वह वास्तविक अभ्यर्थी नहीं है। उसके फिंगरप्रिंट और दस्तावेजों में मेल नहीं हो रहा था। संदेह गहराने पर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने खुद को अतुल कुमार बताया और कबूल किया कि वह किसी और की जगह परीक्षा देने आया है।
बायोमेट्रिक सुपरवाइजर की भूमिका भी संदिग्ध
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि परीक्षा केंद्र का बायोमेट्रिक सुपरवाइजर विमलेश कुमार इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल था। उसने जानबूझकर फर्जी परीक्षार्थी को प्रवेश दिलाने में मदद की और बायोमेट्रिक मिलान के दौरान जानबूझकर लापरवाही बरती। यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसमें असली परीक्षार्थी राजन कुमार ने भी अपनी भूमिका निभाई थी।
पुलिस ने तीनों को भेजा जेल
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और परीक्षा में अनियमितता फैलाने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अन्य सहयोगियों और ऐसे नेटवर्क की भी जांच की जा रही है जो इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं।
परीक्षा की पारदर्शिता पर उठे सवाल
इस घटना ने सिपाही भर्ती परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था और पारदर्शिता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा में बायोमेट्रिक जैसी आधुनिक तकनीक के बावजूद फर्जी परीक्षार्थी का अंदर पहुंच जाना व्यवस्थाओं की कमजोरी को उजागर करता है।
आयोग ने दिए जांच के आदेश
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए परीक्षा आयोजन करने वाली एजेंसी और राज्य पुलिस मुख्यालय ने स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, सभी परीक्षा केंद्रों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को हर हाल में रोका जाए।

