Samachar Nama
×

बेगूसराय में पत्रकार अजीत अंजुम पर एफआईआर दर्ज, सरकारी कार्य में बाधा डालने और बिना अनुमति सरकारी दफ्तर में घुसने का आरोप

चर्चित यूट्यूबर और पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ बलिया थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाई और बिना अनुमति सरकारी कार्यालय में प्रवेश किया। यह एफआईआर साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) मो. अंसारुल हक की शिकायत पर दर्ज की गई है।  घटना 12 जुलाई की सुबह की बताई जा रही है जब बलिया प्रखंड सभागार में बीएलओ वोटर लिस्ट से संबंधित काम में व्यस्त थे।  क्या है मामला बीएलओ मो. अंसारुल हक के अनुसार, वे बलिया प्रखंड सभागार में बैठकर बीएलओ एप के जरिए मतदाता सूची से संबंधित जानकारियां अपलोड कर रहे थे। उसी दौरान लगभग सुबह 9:30 बजे अजीत अंजुम अपने सहयोगी और एक कैमरामैन के साथ बिना अनुमति कार्यालय में दाखिल हुए।  वहां पहुंचते ही उन्होंने प्रश्न पूछना शुरू कर दिया और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे। बीएलओ के अनुसार, यह कार्य के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने वाला कृत्य था।  एफआईआर का विवरण अंसारुल हक की लिखित शिकायत पर बलिया थाना में एफआईआर भाग संख्या 16/2024 दर्ज की गई है। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की उन धाराओं का उल्लेख है जो सरकारी कार्य में बाधा डालने और बिना अनुमति प्रवेश करने से संबंधित हैं।  पत्रकार अजीत अंजुम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं अभी तक अजीत अंजुम की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों और पत्रकार संगठनों के बीच मामले को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ इसे "लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश" बता रहे हैं, तो कुछ इसे "अनुशासनहीनता" करार दे रहे हैं।  प्रशासन सख्त, जांच जारी प्रशासन का कहना है कि सरकारी कार्य में बाधा डालना गंभीर अपराध है, चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो। अगर कोई पत्रकार रिपोर्टिंग कर रहा है, तो उसे भी तय मानकों और अनुमति के तहत ही काम करना चाहिए।  इस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और सभी संबंधित फुटेज, गवाहों और साक्ष्यों को जुटाया जा रहा है।

चर्चित यूट्यूबर और पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ बलिया थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाई और बिना अनुमति सरकारी कार्यालय में प्रवेश किया। यह एफआईआर साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) मो. अंसारुल हक की शिकायत पर दर्ज की गई है।

घटना 12 जुलाई की सुबह की बताई जा रही है जब बलिया प्रखंड सभागार में बीएलओ वोटर लिस्ट से संबंधित काम में व्यस्त थे।

क्या है मामला

बीएलओ मो. अंसारुल हक के अनुसार, वे बलिया प्रखंड सभागार में बैठकर बीएलओ एप के जरिए मतदाता सूची से संबंधित जानकारियां अपलोड कर रहे थे। उसी दौरान लगभग सुबह 9:30 बजे अजीत अंजुम अपने सहयोगी और एक कैमरामैन के साथ बिना अनुमति कार्यालय में दाखिल हुए।

वहां पहुंचते ही उन्होंने प्रश्न पूछना शुरू कर दिया और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे। बीएलओ के अनुसार, यह कार्य के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने वाला कृत्य था।

एफआईआर का विवरण

अंसारुल हक की लिखित शिकायत पर बलिया थाना में एफआईआर भाग संख्या 16/2024 दर्ज की गई है। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की उन धाराओं का उल्लेख है जो सरकारी कार्य में बाधा डालने और बिना अनुमति प्रवेश करने से संबंधित हैं।

पत्रकार अजीत अंजुम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं

अभी तक अजीत अंजुम की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों और पत्रकार संगठनों के बीच मामले को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ इसे "लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश" बता रहे हैं, तो कुछ इसे "अनुशासनहीनता" करार दे रहे हैं।

प्रशासन सख्त, जांच जारी

प्रशासन का कहना है कि सरकारी कार्य में बाधा डालना गंभीर अपराध है, चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो। अगर कोई पत्रकार रिपोर्टिंग कर रहा है, तो उसे भी तय मानकों और अनुमति के तहत ही काम करना चाहिए।

इस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और सभी संबंधित फुटेज, गवाहों और साक्ष्यों को जुटाया जा रहा है।

Share this story

Tags