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बिहार में राजनीतिक घमासान और हादसों के बीच जनता की सुरक्षा और लोकतंत्र की आवाज बुलंद

बिहार में राजनीतिक घमासान और हादसों के बीच जनता की सुरक्षा और लोकतंत्र की आवाज बुलंद

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को माहौल गरमा गया। विपक्ष ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के नेता जहां इस अभियान को लोकतंत्र के खिलाफ बता रहे हैं, वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि प्रक्रिया चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार चल रही है। इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के एक बयान पर विशेष हंगामा हुआ, जब उन्होंने कहा कि "सदन किसी के बाप का नहीं है।" इस पर स्पीकर नंद किशोर यादव भड़क गए और विपक्ष को मर्यादा में रहने की नसीहत दी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच भी तीखी बहस देखी गई। तेजस्वी ने कहा कि वे SIR का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जिसमें पारदर्शिता और सभी वर्गों की भागीदारी को लेकर संशय है। उन्होंने यह मांग की कि सदन के भीतर इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।

आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी SIR को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि हर नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए, न कि संदेह के आधार पर उसे हटाया जाए। वहीं चुनाव आयोग ने दावा किया है कि पुनरीक्षण की अंतिम तिथि 25 जुलाई है और अब तक मात्र 2.70% यानी 21.35 लाख मतदाताओं के फॉर्म बाकी हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने विपक्ष के हंगामे की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार सबको है लेकिन सदन में बाधा डालना जनादेश का अपमान है।

राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार सरकार ने युवाओं को राहत देने वाली एक बड़ी घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य में 18.67 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक फायर टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण होगा। इस सेंटर में युवाओं को अग्निशमन, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा से संबंधित व्यावसायिक प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

राजनीतिक और प्रशासनिक घटनाओं के बीच राज्य में आपराधिक घटनाएं भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र में सोमवार रात सरपंच सुनील कुमार राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं, घटना के बाद आरोपी विपिन राय भी घायल हुआ। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

दूसरी ओर, सहरसा जिले में सोमवार देर रात हुए सड़क हादसे में मंगलवार को इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई। इस हादसे में पहले ही एक महिला और एक पुरुष की जान जा चुकी है, जबकि 9 अन्य लोग घायल हैं। हादसा स्कॉर्पियो और ट्रैक्टर की आमने-सामने की टक्कर के कारण हुआ।

बिहार में एक ओर जहां लोकतंत्र और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं सरकार द्वारा युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए किए गए प्रयास राहत देने वाले हैं। लेकिन विधानसभा का शोरगुल और सड़कों पर मौतें ये दर्शाती हैं कि बिहार को अभी कई मोर्चों पर सजग और सतर्क रहने की जरूरत है।

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