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बिहार में गंगा नदी ने फिर दिखाया रौद्र रूप, फरक्का बैराज के सभी गेट खुले

बिहार में गंगा नदी ने फिर दिखाया रौद्र रूप, फरक्का बैराज के सभी गेट खुले

बिहार में गंगा नदी एक बार फिर उग्र स्वरूप में दिखाई दे रही है, जिससे प्रदेश के लाखों लोगों के जीवन पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। बक्सर से लेकर भागलपुर जिले के कहलगांव तक गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और नदी के खतरे के निशान को पार कर चुका है। ऐसे में बुधवार को पश्चिम बंगाल के फरक्का बैराज के सभी 108 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे और अधिक जल बिहार की ओर आने लगा है।

जलस्तर बढ़ने से बिहार के कई जिलों में खतरा

बक्सर से भागलपुर तक नदी के किनारे बसे गांवों में जलभराव की स्थिति पैदा हो चुकी है। नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी से लाखों की आबादी प्रभावित हो सकती है। बाढ़ के कारण फसलों, घरों और रास्तों को नुकसान पहुंचने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है।

फरक्का बैराज के गेट खोलने का कारण

फरक्का बैराज के सभी 108 गेट खोलने का मुख्य कारण गंगा नदी में पानी की अत्यधिक आवक को नियंत्रित करना बताया जा रहा है। पश्चिम बंगाल स्थित इस बैराज पर जल का स्तर अधिक बढ़ जाने के कारण पानी को नियंत्रित रूप से छोड़ना जरूरी हो गया था। इससे बिहार के मैदानी इलाकों में जल स्तर में और वृद्धि होगी, जो बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना सकती है।

प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य

बिहार सरकार और जिला प्रशासन ने नदी किनारे बसे इलाकों में तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही, राहत सामग्री जैसे खाने-पीने का सामान, दवाइयां और साफ पानी की व्यवस्था की जा रही है। कई जिलों में एनडीआरएफ और स्थानीय फोर्स को तैनात किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके।

विशेषज्ञों की चेतावनी

मौसम विभाग और जल विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो गंगा नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। उन्होंने लोगों से नदी किनारे सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को कहा है। साथ ही, जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन के लिए अधिकारियों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।

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