त्योहारी सीज़न से पहले ही दरभंगा एयरपोर्ट के लिए हवाई किराए ने उड़ान भरी, यात्रियों की जेब पर बढ़ा बोझ

दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्व अभी चार महीने दूर हैं, लेकिन इन त्योहारों के लिए घर लौटने की तैयारी कर रहे प्रवासी यात्रियों को पहले से ही महंगे हवाई किरायों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर दरभंगा एयरपोर्ट आने वाले फ्लाइट्स के टिकट इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे महानगरों से दरभंगा लौटने वाले लोगों के लिए टिकटों की कीमतें चौंकाने वाली हैं।
हर साल दीपावली और छठ के मौके पर उत्तर भारत खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़े पैमाने पर अपने घर लौटते हैं। ऐसे में अक्टूबर-नवंबर के महीनों में एयरलाइन कंपनियों की डिमांड अत्यधिक बढ़ जाती है। इस बार भी वैसी ही स्थिति बन रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी जून का महीना चल रहा है और टिकट की दरें अभी से दोगुनी से चार गुना तक पहुंच गई हैं।
मुंबई से दरभंगा – 14 हजार रुपये तक का टिकट
उदाहरण के तौर पर, 25 से 30 अक्टूबर के बीच मुंबई से दरभंगा के लिए एकतरफा टिकट की कीमतें 12,000 से 14,000 रुपये के बीच पहुंच गई हैं, जबकि सामान्य दिनों में यही किराया 3,000 से 4,500 रुपये के बीच रहता है।
इसी प्रकार, दिल्ली से दरभंगा के लिए टिकटों की कीमत 9,000 रुपये से ऊपर जा चुकी है। हैदराबाद और बेंगलुरु से आने वाली उड़ानों के किराए भी 10,000 रुपये से अधिक पर बिक रहे हैं।
अग्रिम बुकिंग में भी राहत नहीं
आमतौर पर माना जाता है कि अग्रिम बुकिंग करने से यात्रियों को किराए में कुछ राहत मिलती है, लेकिन इस बार शुरुआती बुकिंग में भी यात्रियों को भारी खर्च करना पड़ रहा है। त्योहारों के दौरान यात्रा की योजना बना रहे लोग पहले से ही टिकट बुक कर रहे हैं, जिससे एयरलाइनों को डिमांड का अंदाज़ा हो रहा है और वे उसी अनुसार किराया बढ़ा रही हैं।
यात्री बोले – मजबूरी है, जाना तो है ही
दरभंगा लौटने की तैयारी कर रहे एक यात्री राकेश कुमार (मुंबई निवासी) का कहना है, “हर साल छठ मनाने घर जाते हैं। टिकट महंगा जरूर है, लेकिन कोई विकल्प नहीं है। ट्रेन में जगह नहीं मिलती और छुट्टियां सीमित होती हैं। ऐसे में उड़ान ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।”
सरकार और एयरलाइनों से राहत की उम्मीद
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मांग की है कि त्योहारों के दौरान विशेष उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि टिकट की दरों को नियंत्रित किया जा सके। दरभंगा एयरपोर्ट की सीमित उड़ानों के चलते यात्री विकल्पों की कमी से जूझते हैं और मजबूरी में महंगे टिकट खरीदने को विवश हो