बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण जारी, नेपाल-बांग्लादेश-म्यांमार के अवैध प्रवासी पाए जाने से मचा हड़कंप
बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन किया जा रहा है, जिसमें एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। अधिकारियों के अनुसार, अब तक की जांच में बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिक अवैध रूप से मतदाता सूची में शामिल पाए गए हैं।
अधिकारियों की बड़ी कार्यवाही की तैयारी
रविवार को चुनाव आयोग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ये संदिग्ध प्रवासी राज्य के सीमावर्ती जिलों और शहरी इलाकों में केंद्रित पाए गए हैं। ऐसे नाम जिनकी नागरिकता पर संदेह है, उन्हें चिन्हित किया जा चुका है और 1 अगस्त से उनके दस्तावेजों की गहन जांच शुरू होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में यदि संबंधित व्यक्ति भारतीय नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाता है, तो उसका नाम 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई सतर्कता
नेपाल और बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती जिलों जैसे अररिया, किशनगंज, पश्चिम चंपारण, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल और मधुबनी में प्रवासियों की उपस्थिति अधिक पाई गई है। इन जिलों में बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) और स्थानीय प्रशासन को विशेष निगरानी और सघन जांच के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक सरगर्मी भी तेज
इस मुद्दे पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि पिछले वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में फर्जी नाम कैसे जुड़ गए? वहीं, सत्ताधारी दलों ने इसे मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता के लिए जरूरी कदम बताया है।

