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पूर्णिया में डायन बताकर महिला और उसके परिवार के 5 लोगों की नृशंस हत्या, जिंदा जलाया गया पूरा परिवार

पूर्णिया में डायन बताकर महिला और उसके परिवार के 5 लोगों की नृशंस हत्या, जिंदा जलाया गया पूरा परिवार

बिहार में अंधविश्वास और भीड़ तंत्र की एक और खौफनाक घटना सामने आई है। पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव (राजीगंज पंचायत, वार्ड संख्या-10) में डायन के शक में एक महिला और उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों को जिंदा जला कर मार डाला गया। यह दिल दहला देने वाली घटना रविवार रात की बताई जा रही है, जब पीड़ित परिवार के सभी सदस्य रहस्यमय ढंग से लापता हो गए थे।

🔴 जिंदा जलाकर की गई हत्या

पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान बाबू लाल उरांव, उनकी पत्नी और उनके तीन अन्य परिजनों के रूप में की गई है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि गांव में कुछ लोगों को महिला के 'डायन' होने का संदेह था और इसी अंधविश्वास के चलते पूरे परिवार को निशाना बनाया गया। आरोप है कि पीड़ित परिवार को एक जगह बांधकर जिंदा आग के हवाले कर दिया गया।

घटना की जानकारी सोमवार सुबह मिली, जब स्थानीय लोगों ने जले हुए शव देखे और पुलिस को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस टीम ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।

⚖️ अंधविश्वास बना मौत का कारण

बिहार में 'डायन प्रथा' अब भी कई ग्रामीण इलाकों में जड़ें जमाए हुए है, और इस कुप्रथा की वजह से हर साल कई महिलाएं अपनी जान गंवा देती हैं। पूर्णिया की यह घटना उसी अंधविश्वास की भयावह परिणति है।

🗣️ पुलिस का बयान और कार्रवाई

पूर्णिया एसपी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा:

"यह बेहद नृशंस और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।"

⚠️ गांव में तनाव, पुलिस तैनात

घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार के अन्य रिश्तेदारों से पूछताछ की जा रही है और गांव के संदिग्ध लोगों की पहचान की जा रही है।

📣 मानवाधिकार संगठनों और नेताओं की प्रतिक्रिया

घटना को लेकर राज्यभर में रोष है। मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे कानून व्यवस्था की विफलता बताया है और राज्य सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है।

विपक्षी दलों ने भी सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि बिहार में जंगलराज नहीं, अब "अंधविश्वासराज" हावी है।

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