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मुजफ्फरपुर में मुहर्रम जुलूस के दौरान फहराया गया फलस्तीन का झंडा, वीडियो वायरल, प्रशासन जांच में जुटा

मुजफ्फरपुर में मुहर्रम जुलूस के दौरान फहराया गया फलस्तीन का झंडा, वीडियो वायरल — प्रशासन जांच में जुटा

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक बार फिर विवादास्पद मामला सामने आया है। जिले के जजुआर थाना क्षेत्र में मुहर्रम के मातमी ताजिया जुलूस के दौरान फलस्तीन का झंडा फहराए जाने की घटना ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। यह मामला अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस जांच में जुट गई है।

वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहा है, जिसमें जुलूस के दौरान कुछ युवक फलस्तीन का झंडा लहराते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में ताजिया, डीजे और झंडों की भीड़ के बीच यह झंडा स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है।

इस वीडियो के सामने आते ही स्थानीय स्तर पर विरोध और विवाद की स्थिति बन गई है। कई संगठनों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है, इसे भारत के भीतर विदेशी झंडा फहराने का मामला बताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से जोड़कर देखा जा रहा है।

प्रशासन ने शुरू की जांच

जजुआर थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वीडियो की सत्यता और उसमें शामिल लोगों की पहचान शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने भी वीडियो की जांच के लिए साइबर सेल की टीम को अलर्ट किया है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया:

“हमें एक वीडियो मिला है जिसमें जुलूस के दौरान आपत्तिजनक झंडा लहराते देखा गया है। हम जांच कर रहे हैं कि झंडा फलस्तीन का है या नहीं और इसे किसने और क्यों लहराया। अगर कोई कानून का उल्लंघन हुआ है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

राजनीतिक प्रतिक्रिया भी शुरू

इस घटना पर कुछ हिंदू संगठनों और विपक्षी नेताओं ने भी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि

“धार्मिक आयोजनों की आड़ में कोई विदेशी एजेंडा या भावनाएं ना फैलाई जाएं।”

हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने यह साफ किया है कि पहचान होते ही जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले भी उठे थे ऐसे मामले

मुजफ्फरपुर में यह पहला मौका नहीं है, जब मुहर्रम के जुलूस में फलस्तीन या अन्य विवादास्पद प्रतीकों का इस्तेमाल हुआ हो। पिछले वर्षों में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिन पर प्रशासन ने चेतावनी तक सीमित कार्रवाई की थी।

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