श्रावणी मेला की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक, 11 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा आयोजन

इस वर्ष श्रावणी मेला को लेकर तैयारियों की समीक्षा बैठक मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त हिमांशु कुमार राय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बताया कि मेला 11 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित होगा और इसमें प्रतिदिन दो से ढाई लाख श्रद्धालु भाग लेंगे।
लाखों कांवरियों की होगी पदयात्रा
डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जानकारी दी कि श्रद्धालु प्रतिदिन अजगैवीनाथ धाम (सुल्तानगंज) से गंगाजल लेकर देवघर (झारखंड) स्थित बाबाधाम तक की लगभग 105 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करते हैं। यह मेला न सिर्फ बिहार और झारखंड बल्कि पूरे देशभर से आने वाले शिवभक्तों के लिए आस्था का पर्व है।
क्या बोले प्रमंडलीय आयुक्त?
प्रमंडलीय आयुक्त हिमांशु कुमार राय ने कहा,
"श्रावणी मेला में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा, सफाई, चिकित्सा, यातायात और पेयजल जैसी व्यवस्थाओं को समय रहते पुख्ता किया जाए। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो।"
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी सड़कें और कांवर मार्ग की मरम्मत 30 जून तक पूरी होनी चाहिए। साथ ही, रात्रि विश्राम स्थलों, पेयजल स्टॉल, मोबाइल शौचालयों और मेडिकल कैंपों की संख्या बढ़ाने का सुझाव भी दिया।
ये प्रमुख व्यवस्थाएं होंगी
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सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी
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पथ संकेतक व डिजिटल सूचना बोर्ड
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दवा व प्राथमिक उपचार केंद्र हर 5 किलोमीटर पर
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स्वच्छ पेयजल और शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था
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स्वयंसेवक और NCC कैडेटों की तैनाती
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महिला कांवरियों के लिए अलग विश्राम केंद्र और सुरक्षा इंतजाम
विशेष ट्रैफिक प्लान पर भी चर्चा
बैठक में यातायात व्यवस्था को लेकर भी चर्चा हुई। अजगैवीनाथ धाम से देवघर तक के मार्ग पर अलग-अलग श्रेणियों के वाहनों के लिए डाइवर्जन और रोक-टोक के निर्देश दिए गए हैं। भारी वाहनों के संचालन पर मेला अवधि में प्रतिबंध लगाया जाएगा।