बिहार में तकनीकी शिक्षा को नया संबल, SBTE और IIT मुंबई के बीच हुआ समझौता, लाखों छात्रों को मिलेगा मुफ्त प्रशिक्षण

बिहार में तकनीकी शिक्षा को अधिक उन्नत और व्यावसायिक रूप से उपयोगी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। बिहार राज्य तकनीकी शिक्षा पर्षद (SBTE) ने देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान IIT मुंबई के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है। इस साझेदारी के तहत राज्य के पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में अध्ययनरत लाखों विद्यार्थियों को मुफ्त तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
यह प्रशिक्षण IIT मुंबई के 'स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट' के माध्यम से दिया जाएगा, जिसे भारत सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP-2020) और स्किल इंडिया मिशन के तहत शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को उद्योग की मांगों के अनुरूप तकनीकी रूप से दक्ष बनाना और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना है।
📚 क्या है स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट?
स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट एक ई-लर्निंग पहल है, जिसे IIT मुंबई द्वारा डिजाइन किया गया है। इसके माध्यम से छात्रों को ऑडियो-वीडियो ट्यूटोरियल के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह ट्यूटोरियल विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिससे भाषा संबंधी बाधाएं दूर होंगी और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी लाभ उठा सकेंगे।
इसमें C, C++, Java, Python, Linux, LibreOffice, MySQL, HTML, PHP, GIMP, और Blender जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। छात्रों को प्रशिक्षण के बाद एक ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होना होगा, जिसे उत्तीर्ण करने पर प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) भी दिया जाएगा।
🤝 साझेदारी के प्रमुख लाभ
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राज्य के 50 से अधिक पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों को परियोजना से जोड़ा जाएगा
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लाखों छात्र निशुल्क तकनीकी पाठ्यक्रम में भाग ले सकेंगे
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प्रशिक्षण पूरी तरह ऑनलाइन, स्वयं की गति से सीखने वाला (self-paced) होगा
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कोर्स की सामग्री हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध रहेगी
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छात्रों को सर्टिफिकेशन मिलने से रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे
📢 अधिकारियों का क्या कहना है?
SBTE के चेयरमैन ने कहा कि यह पहल राज्य के तकनीकी संस्थानों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और छात्रों को डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे छात्रों को कम संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
वहीं, IIT मुंबई के अधिकारियों का कहना है कि वे बिहार के छात्रों को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण देने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस पहल से छात्रों में आत्मविश्वास और कौशल दोनों का विकास होगा।