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सड़क दुर्घटना पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मोर्थ कर रहा डाटाबेस तैयार, मुआवजे की प्रक्रिया होगी तेज

सड़क दुर्घटना पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मोर्थ कर रहा डाटाबेस तैयार, मुआवजे की प्रक्रिया होगी तेज

राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवजा दिलाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) एक व्यापक डाटाबेस तैयार कर रहा है। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं के मामलों की सटीक जानकारी रखकर प्रभावितों को समय पर मुआवजा और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना है।

आई-आरएडी और ई-डीएआर पोर्टल की भूमिका

इस योजना के तहत आई-आरएडी (एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस) और ई-डीएआर (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) नामक डिजिटल पोर्टल बनाए जा रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण, जांच के परिणाम, पीड़ितों की जानकारी और संबंधित अन्य विवरण अपलोड किए जाएंगे। इससे दुर्घटना के हर पहलू पर नजर रखी जा सकेगी।

मुआवजे की प्रक्रिया में होगी तेजी

डाटाबेस के माध्यम से सरकार पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगी। इससे पहले जहां मुआवजा मिलने में लंबा समय लगता था, वहीं अब यह प्रक्रिया आसान और सुलभ होगी। साथ ही, दुर्घटना से जुड़ी शिकायतों का निपटारा भी जल्द होगा।

दुर्घटना प्रबंधन में सुधार

मोर्थ का यह कदम सड़क सुरक्षा और दुर्घटना प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण कर उनकी वजहों को समझा जाएगा और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

सरकार की जिम्मेदारी और जनता का सहयोग

सड़क परिवहन मंत्रालय ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे दुर्घटना की सही जानकारी प्रदान करें ताकि डाटाबेस पूर्ण और विश्वसनीय बन सके। साथ ही सभी संबंधित विभागों को भी त्वरित रिपोर्टिंग और डेटा साझा करने के लिए कहा गया है।

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