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बिहार की बिजली से बंगाल के खेतों की हो रही थी सिंचाई, आजमनगर में बिजली चोरी का मामला उजागर

बिहार की बिजली से बंगाल के खेतों की हो रही थी सिंचाई, आजमनगर में बिजली चोरी का मामला उजागर

बिहार के कटिहार जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां राज्य की बिजली का अवैध इस्तेमाल कर पश्चिम बंगाल के खेतों में सिंचाई की जा रही थी। यह मामला आजमनगर प्रखंड अंतर्गत देवगांव पंचायत स्थित कोल्हन गांव का है। जानकारी के अनुसार, कोल्हन गांव के कुछ किसानों ने बिजली विभाग को चकमा देते हुए बंगाल के मंशाबाद गांव तक बिजली की लाइन खींच ली थी और वहां स्थित अपने खेतों में मोटर पंप के जरिए सिंचाई कर रहे थे।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह बिजली चोरी का सिलसिला काफी समय से चल रहा था, लेकिन हाल ही में ग्रामीणों की सूचना पर बिजली विभाग की टीम ने जांच की तो यह पूरा मामला उजागर हुआ। जांच में पाया गया कि कोल्हन गांव से अवैध रूप से केबल के जरिए बिजली को पश्चिम बंगाल के मंशाबाद तक पहुंचाया जा रहा था, जहां किसान मोटर पंप के सहारे अपने खेतों की पटवन कर रहे थे।

बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह न सिर्फ बिजली चोरी का मामला है, बल्कि दो राज्यों की सीमाओं को पार करके बिजली के गलत इस्तेमाल का गंभीर उदाहरण भी है। विभाग ने तुरंत प्रभाव से अवैध केबल को जब्त कर लिया है और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि बिहार और बंगाल की सीमाएं कई जगहों पर आपस में मिलती हैं, जिससे सीमावर्ती इलाकों में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है, वह तकनीकी तौर पर संगठित और योजनाबद्ध प्रतीत होता है।

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की बिजली चोरी से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है और क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ता है। वहीं, ग्रामीणों में इस घटना को लेकर काफी चर्चा है और स्थानीय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि बिजली चोरी के ऐसे मामलों पर अब विशेष निगरानी रखी जाएगी, विशेषकर सीमावर्ती गांवों में। साथ ही, विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाएगा, ताकि लोग कानूनी तरीके से बिजली का उपयोग करें और इस तरह की अवैध गतिविधियों से बचें।

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